भारत के युवा ग्रैंड मास्टर गुकेश डोमाराजू जिन्हें गुकेश डी के नाम से भी जाना जाता है, हाल ही में विश्व शतरंज चैंपियनशिप में चीनी खिलाड़ी डिंग लिरेन को हराकर शतरंज की दुनिया के नए बादशाह बन गए हैं। उन्होंने यह उपलब्धि महज 18 वर्ष की उम्र में हासिल की और सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। इसके बाद उन पर पुरस्कारों की बौछार हो गई। उन्हें 1.3 मिलियन डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि मिली। हालाँकि, इसके बाद भारी करों का भुगतान करने की जिम्मेदारी उन पर आ गयी। उन्हें करीब 4.67 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाना पड़ा। लेकिन भारत सरकार ने उनकी ऐतिहासिक जीत के सम्मान में उन्हें इससे राहत दे दी है।
सरकार ने कर क्यों माफ किया?
सिंगापुर के नियमों के अनुसार, वहां की सरकार को गुकेश को पुरस्कार राशि का एक भी रुपया नहीं देना था। वह पूरी पुरस्कार राशि घर ले आये। लेकिन भारत में कर नियमों के अनुसार, उन्हें उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों में गिना जाता है। इसलिए, इसने भारत सरकार को 30 प्रतिशत कर और अधिभार सहित अनुमानित 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया। 4.67 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ा। इसके चलते उनकी जेब में सिर्फ 6.33 करोड़ रुपये ही बचे होंगे। लेकिन अपील के बाद गुकेश को करों का भुगतान करने से छूट दे दी गई है।
दरअसल, वित्तीय मुद्दों से निपटने वाली वेबसाइट फिलॉक्स ने अब दावा किया है कि उसने भारत सरकार से गुकेश को उसकी पुरस्कार राशि पर कर से छूट देने की अपील की थी। वित्त मंत्रालय ने उनकी मांग स्वीकार करते हुए गुकेश की ऐतिहासिक जीत की प्रशंसा की है और उनके सम्मान में मिलने वाली पुरस्कार राशि पर कर में छूट दी है। ताकि भारतीय युवाओं को आगे बढ़ने का साहस मिले। खबरों के अनुसार इस फैसले की जल्द ही आधिकारिक घोषणा की जाएगी। आपको बता दें कि तमिलनाडु की सांसद आर सुधा ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर गुकेश को टैक्स में छूट देने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ने 5 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की।
गुकेश चेन्नई के निवासी हैं। उनकी उपलब्धि से पूरे देश को गौरवान्वित महसूस हुआ है। उनकी इस जीत का जश्न उनके राज्य तमिलनाडु में जोरदार तरीके से मनाया गया। तमिलनाडु के लिए यह गर्व की बात थी कि उसे भारत की शतरंज फैक्ट्री कहा जाता था। इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उन पर 5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया। रिपोर्ट के मुताबिक गुकेश को इस पर भी टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें इससे भी राहत मिल गई है। हालाँकि, हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते। इस पुरस्कार राशि पर छूट आधिकारिक घोषणा के बाद ही स्पष्ट होगी।