'मुस्लिम वोटों के बिना संसद नहीं पहुँच पाते राहुल-प्रियंका, कट्टरपंथियों से लिया समर्थन..', CPIM का बड़ा दावा
Newstracklive Hindi December 22, 2024 08:42 PM

कोच्ची: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट से भारी मतों से जीत हासिल की थी। लेकिन अब इस जीत पर विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPIM) के एक वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया है कि प्रियंका गांधी और उनके भाई राहुल गांधी की जीत कट्टरपंथी मुस्लिम गठबंधन के समर्थन की वजह से हुई है।  

वायनाड जिले के सुल्तान बाथरी में आयोजित माकपा के जिला सम्मेलन में पार्टी नेता विजयराघवन ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव जीतने में कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों का बड़ा समर्थन मिला। उनके अनुसार, प्रियंका गांधी की रैलियों में आगे और पीछे की पंक्तियों में कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन के सदस्य नजर आए। विजयराघवन ने दावा किया कि राहुल गांधी का संसद तक पहुंचना और प्रियंका गांधी की जीत, इन संगठनों के बिना संभव नहीं थी।  

विजयराघवन ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों से गठजोड़ कर रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस सांप्रदायिक आधार पर राजनीति कर रही है। उनका बयान CPIM की उस रणनीति से मेल खाता है, जो 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद अपनाई गई थी। इस साल के चुनाव में CPIM ने फिलिस्तीन मुद्दे को उठाकर मुस्लिम वोटों को लुभाने की कोशिश की थी, लेकिन हिंदू मतदाताओं ने उनका साथ छोड़ दिया। इसी के चलते अब माकपा हिंदू वोट बैंक को फिर से अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है। हालाँकि, कांग्रेस ने भी खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन किया था, कांग्रेस ने तो अपनी कार्यसमिति (CWC) की बैठक में हमास के आतंकी हमले की निंदा किए बगैर फिलिस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित कर दिया था।  

जिससे देशभर में कांग्रेस को एकमुश्त मुस्लिम वोट मिले, हालाँकि कांग्रेस हिन्दुओं को भी साधने में सफल रही, जिसके चलते 2024 के लोकसभा चुनाव में उसने पिछले तीन बार में सबसे ज्यादा 99 सीटें हासिल की। हालाँकि, कांग्रेस की चुनावी सफलता का काफी अधिक श्रेय मुस्लिम समुदाय को जाता है, जिनके एकतरफा समर्थन से पार्टी ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी। लेकिन, इसमें कुछ विवाद भी जुड़े कि कांग्रेस ने चुनावी लाभ के लिए चरमपंथी संगठन जमात ए इस्लामी से हाथ मिला लिए, जिसने ना जाने कितने आतंकियों को जन्म दिया है।  

इस मुद्दे पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी कांग्रेस और मुस्लिम संगठनों पर निशाना साधा। उन्होंने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के अध्यक्ष सादिक अली शिहाब थंगल को जमात-ए-इस्लामी का समर्थक बताया। विजयन ने याद दिलाया कि जमात-ए-इस्लामी एक कट्टरपंथी संगठन है, जो भारत में इस्लामी शासन लाने के पक्ष में काम करता है। उन्होंने दावा किया कि ऐसे संगठनों का प्रभाव कांग्रेस के सहयोगी दलों पर बढ़ रहा है।  

गौरतलब है कि IUML केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) का हिस्सा है और राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया अलायंस का सहयोगी है। विजयन ने चुनाव प्रचार के दौरान यह दावा किया था कि प्रियंका गांधी ने जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से चुनाव लड़ा और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। CPIM के इन आरोपों के पीछे हाल ही में हुए उपचुनावों के नतीजे भी हैं। पलक्कड़, चेलाक्कारा और वायनाड सीटों पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस को मुस्लिम वोटों का अच्छा समर्थन मिला, जबकि सीपीआईएम को हिंदू वोटों का नुकसान हुआ। इसी वजह से CPIM अब हिंदू वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस पर सांप्रदायिक राजनीति के आरोप लगा रही है।  

इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं। साथ ही, CPIM के आरोपों और हिंदू वोट बैंक को लेकर उसकी रणनीति किस हद तक कामयाब होती है, यह भी राजनीतिक रूप से अहम होगा।

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