आखिरकार जापानी कार कंपनियों निसान और होंडा ने विलय की घोषणा कर दी है। इस विलय के बाद ये दोनों दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार कंपनी बनने जा रही हैं। दोनों कंपनियों ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन दोनों कंपनियों के साथ मित्सुबिशी मोटर्स भी आ गई है। इस प्रस्तावित विलय में एक संयुक्त होल्डिंग कंपनी शुरू करने की योजना शामिल है। यह विलय कार उद्योग में बड़ा बदलाव ला सकता है। निसान, होंडा और मित्सुबिशी मोटर्स के बीच कारोबारी विलय की समय सीमा शुरू हो गई है। इसमें जून 2025 तक कंपनी के तहत एकीकरण के संबंध में एक निश्चित समझौते को अंजाम देने की योजना है। विलय की पूरी प्रक्रिया अगस्त 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। इस विलय के बाद यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो निर्माता कंपनी बन जाएगी।
क्यों हुआ विलय?
फिलहाल इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में चीन ने सबको काफी पीछे छोड़ दिया है। नवंबर 2024 में दुनिया में बिकने वाले 70% इलेक्ट्रिक वाहन चीन के होंगे। इतना ही नहीं, अक्टूबर 2024 में चीनी कंपनी BYD बिक्री के मामले में टेस्ला से आगे निकल गई है।
भारत में होंडा और निसान की मौजूदा स्थिति कैसी है
बिक्री की बात करें तो होंडा की वैश्विक बिक्री में 2024 में 11.4% की गिरावट देखी गई है। आपको बता दें कि होंडा ने 1995 में भारत में प्रवेश किया था। वर्ष 2023-24 में होंडा ने भारत में केवल 86,000 कारें बेचीं, जो साल-दर-साल के आधार पर 5% कम है। निसान की बात करें तो भारत में कंपनी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। निसान ने वर्ष 2005 में भारत में प्रवेश किया था।हाल ही में निसान ने फेसलिफ्ट मैग्नाइट पेश की, जिसकी नवंबर 2024 में 2342 यूनिट बिकीं, जो अक्टूबर 2024 के मुकाबले 25% कम है। वहीं, कंपनी की वैश्विक बिक्री में 5.5% की गिरावट देखी गई है। खबर यह है कि कंपनी जल्द ही 1.33 लाख कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। निसान का तमिलनाडु के ओरागदम में भी प्लांट है, जिसकी क्षमता हर साल 4.80 लाख कारें बनाने की है। इसने यहां से 108 देशों को 10 लाख कारें भी भेजी हैं।
भारत पर क्या होगा असर?
देखा जाए तो भारत में होंडा और निसान की स्थिति लगभग एक जैसी है। ये दोनों कंपनियां हर महीने एक कार बेचने के लिए भी संघर्ष कर रही हैं। इन दोनों कंपनियों ने कुछ फेसलिफ्ट मॉडल भी पेश किए लेकिन बात नहीं बनी। निसान और होंडा के विलय के बाद यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी बन जाएगी। इतना ही नहीं, दोनों कंपनियां लागत कम करने के लिए कॉमन व्हीकल प्लेटफॉर्म और नई हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों पर सहयोग करेंगी।
इतना ही नहीं, आरएंडडी को भी साथ लाया जाएगा, ताकि सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास को गति दी जा सके। निसान, होंडा और मित्सुबिशी मिलकर 80 लाख वाहन बनाएंगे। निसान, होंडा और मित्सुबिशी ने अगस्त में घोषणा की थी कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी जैसे पार्ट्स साझा करेंगे।