सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन हरियाली को बालू बंदोबस्तधारियों ने किया ध्वस्त, किसानों में मचा हाहाकार
Tarunmitra December 26, 2024 11:42 PM

अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर के आवेदन पर बनी जांच कमेटी, एसडीएम ने कहां संयुक्त निरीक्षण कर करेंगे कार्रवाई

रवीश कुमार मणि

पटना ( अ सं ) 26 दिसंबर । बिहार का पर्यावरण असंतुलन दौर से गुज़र रहा है । पर्यावरण से खिलवाड़ का नतीजा सामने दिखने लगा है ।बालू माफिया व बालू बंदोबस्तधारी सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन हरियाली पर लगातार प्रहार कर रहे। अधिकारी पर्यावरण संरक्षण के जगह बालू माफियाओं के संरक्षण में जुटे है । बालू बंदोबस्तधारियों को ग़लत करने का लाइसेंस मिल गया है तभी तो सिंचाई के लिए बने सर्वे पइन को पुरी तरह से ध्वस्त कर समतल कर दिया है । इस क्रम में सैकड़ों हरे वृक्षों को बली दे दिया गया है । हजारों किसान सिंचाई से वंचित हो गये है , इसको लेकर हाहाकार मच गया है । अधिकारी तो अंधा हो गये हैं क्या जन प्रतिनिधि भी किसानों को छोड़ बालू माफियाओं के साथ खड़ा हो गये है ।

जी हां हम बात कर रहे है पटना जिले के सोन तटवर्ती इलाक़े का । बालू ट्रकों के परिचालन के लिए पहले मनेर कैनाल को ध्वस्त कर दिया गया । इसके बाद बालू माफियाओं ने रानीतलाब थाना के कटारी से लेकर बिहटा थाना के लई तक सर्वे आहर - पइन ( क़रीब तीन किलोमीटर) को ध्वस्त कर समतल कर दिया गया है । बालू माफियाओं ने रास्ता बनाने के लिए सैकड़ों हरे वृक्षों को काटकर हटा दिया । सर्वे के इस आहर - पइन से हजारों किसान सिंचाई कर लाभान्वित होते थे । किसानों ने ज़िलाधिकारी , जिला खनन कार्यालय पटना, अनुमंडल कार्यालय दानापुर, लघु सिंचाई प्रमंडल पटना व मुख्यमंत्री- बिहार तक शिकायत किया की सिंचाई व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया गया है । लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं किया । जिस आहर - पइन में सिंचाई का पानी प्रवाहित होता था उसपर अवैध पूर्वक सैकड़ों बालू ट्रकों का परिचालन हो रहा है । हाल में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने वस्तुस्थिति से सभी संबंधित को अवगत कराते हुए किसानों के सिंचाई प्रबंधन शुरू करने की मांग किया है एवं दोषी बालू बंदोबस्तधारी , सोन घाट संख्या-12/13/ से हुए नुक़सान व क्षतिपूर्ति की मांग किया है । अग्रणी होम्स की संदिग्ध भुमिका की जांच किया जाएं।

लघु सिंचाई प्रमंडल पटना के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार सिंह का जारी पत्र , पत्रांक 1762 , दिनांक- 27/06/24 चौंकाने वाला है । सहायक अभियंता को निर्देशित पत्र में लिखा है “ बभनलई आहर पइन पर बालू माफियाओं द्वारा सड़क बनाएं जाने के संदर्भ में आपसे जांच प्रतिवेदन मांगा गया था , इस क्रम में आपके द्वारा सूचित किया गया है की पइन के बांध को सड़क बना दिया गया है एवं पइन के गर्भ एवं 30 मीटर पइन को भरकर सड़क बनाया गया है । अतएव आपको निदेशित किया जाता है कि इस कुकृत के दोषी व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज करना सुनिश्चित करें एवं कृत कार्रवाई की सूचना अधोहस्ताक्षरी को दी जाएं ।

6 माह बीत जाने के बाद भी लघु सिंचाई अनुमंडल बिहटा द्वारा एफ़आइआर दर्ज नहीं किया गया है । इस संबंध में कार्यपालक अभियंता अरविन्दर कुमार सिंह से बात किया गया तो बताएं की मेरा काम सिर्फ़ आहर- पइन का जीर्णोद्धार करना है । आहर- पइन राजस्व विभाग के अधीन आता है । कार्रवाई के लिए जिला - प्रशासन उत्तरदायी है । जब उनके ही पत्र , पत्रांक 1762 का हवाला देकर पक्ष जानने की कोशिश की गई तो सांप सूंघ गया । इस तरह लघु सिंचाई प्रमंडल पटना के कार्यालय अभियंता से कार्रवाई की गुंजाइश कहीं नहीं दिखाई नहीं दे रहा है , वह जिला - प्रशासन पर टाल रहे है ।

अनुमंडल पदाधिकारी- दानापुर से बात किया गया तो वह बताई की आहर - पइन ध्वस्त करने की बातें सही है । पूर्व के संयुक्त निरीक्षण में तय हुआ था की संबंधित विभाग के पदाधिकारी ग़ैर क़ानूनी कृत्य पर कार्रवाई करेंगे । जल्द ही संयुक्त निरीक्षण कर कार्रवाई की जायेगी । अवैध खनन की शिकायतें मिल रही है , उसकी जांच कर किया जाएगा ।

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