कांग्रेस की 'नव सत्याग्रह बैठक' में खड़गे का ऐलान- नेहरू-गांधी की विचारधारा, बाबासाहेब के सम्मान के लिए आख़िरी दम तक लड़ेंगे
Navjivan Hindi December 27, 2024 01:42 AM

कर्नाटक के बेलगावी में हो रही कांग्रेस की 'नव सत्याग्रह बैठक' में डॉ भीमराव अंबेडकर के अपमान का मुद्दा उठाया गया और उनके सम्मान के लिए आखिरी दम तक लड़ने की बात कही गई। साधा और कहा कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा तथा बाबासाहेब के सम्मान के लिए आखिरी दम तक लड़ेगी।

इस दौरान पार्टी के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "बीजेपी के लोग हमारे ऊपर झूठा आरोप लगाते हैं कि हमने बाबा साहब का सम्मान नहीं किया। सब को मालूम है कि संसद में जो बाबा साहेब की मूर्ति है उसे 1967 में कांग्रेस ने लगवाई।"

उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों का विश्वास धीरे-धीरे कम होता जा रहा है क्योंकि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं।

उन्होंने राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने संसद सत्र में संविधान के ऊपर हो रहे चर्चा के दौरान डाक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के बारे में गृह मंत्री का घोर अपमानजनक बयान सुना। हमने आपत्ति दर्ज की, विरोध जताया, प्रदर्शन किया। अब तो पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है।’’

खड़गे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार गलती मानने को तैयार नहीं है तथा अमित शाह से माफ़ी और इस्तीफ़ा लेना तो दूर, उलटा आपत्तिजनक बयान का समर्थन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ गृह मंत्री के बचाव में प्रधानमंत्री ने बयान जारी किया। राहुल गांधी पर झूठा मामला दर्ज करा दिया। ये है आज के हुक्मरान का संविधान और उसके निर्माता के प्रति नज़रिया। परन्तु हम किसी से डरनेवाले नहीं हैं ना ही झुकने वाले हैं। हम नेहरू-गांधी की विचारधारा और बाबासाहेब के सम्मान के लिए आख़िरी दम तक लड़ेंगे।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘बीजेपी के लोग हमारे ऊपर झूठा आरोप लगाते हैं कि हमने बाबासाहेब का सम्मान नहीं किया। सब को मालूम है कि संसद में जो बाबा साहेब की मूर्ति 1967 में कांग्रेस ने लगवायी। मुझ जैसे हज़ारों कार्यकर्ताओं की मांग को मानते हुए इंदिरा जी के कार्यकाल में राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णनजी ने संसद में मुख्य स्थान पर पहली बड़ी मूर्ति बाबासाहेब की ही स्थापित कराई। इसलिए मैं कहता हूं कि भाजपा-आरएसएस वाले झूठ बोलना बंद कर दें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी जब पहली बार संसद में चुनकर आए थे तो उन्होंने पुराने संसद (भवन) की सीढ़ियों पर माथा टेका था जिसके बाद नए संसद (भवन) का निर्माण हो गया। हमें डर इस बात का है कि इस बार नए संसद भवन में शपथ लेने के पहले इन्होंने संविधान के सामने माथा टेका है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के लोगों के द्वारा संविधान की प्रस्तावना का अपमान किया जाता रहता है, संवैधानिक प्रावधानों और मूल्यों का आदर नहीं होता है।

खड़गे ने दावा किया, ‘‘संवैधानिक संस्थाओं को नियंत्रित किया जा रहा है, मिसाल के तौर पर भारतीय निर्वाचन आयोग को ही देखें, तो यही मालूम होता है कि इनके मन में संवैधानिक संस्थाओं के लिए कोई आदर नहीं है, ये सब पर कब्जा करना चाह्ते हैं। इसलिए हमें यह लड़ाई लगातार लड़नी पड़ेगी।’’

उनके मुताबिक, चिंता की बात यह है कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों की आस्था धीरे - धीरे कम होती जा रही है क्योंकि आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं।

खड़गे ने कहा कि कुछ रोज़ पहले इन्होंने अपने निर्वाचन संचालन नियमों में बदलाव कर दिया ताकि अदालत ने जो जानकारी साझा करने का आदेश दिया था उसे रोका जा सके।

उन्होंने सवाल किया कि आख़िर ऐसा क्या है जिसे छुपाने का प्रयास किया जा रहा है?

खड़गे ने दावा किया, ‘‘कभी वोटरों का नाम मतदाता सूची से काटा जाता है। कभी उनको मत डालने से रोका जाता है। कभी वोटर सूची संख्या में अचानक वृद्धि हो जाती है। कभी वोट डालने के अंतिम समय में मत प्रतिशत अप्रत्याशित तरीके से बढ़ जाता है। ये कुछ सवाल उठते रहते हैं जिनका संतोषजनक जवाब नहीं मिलता।’’

खड़गे ने महात्मा गांधी के आदर्शों तथा बीजेपी के कुछ नेताओं के ‘भड़काऊ बयानों’ का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ बहुत अफ़सोस की बात है कि 100 साल बाद भी आज का सत्ताधारी दल और उनके नेता खुलेआम भड़काऊ नारे देते हैं और उनके बड़े नेता ही समाज में सद्भाव बिगाड़ रहे हैं, समुदायों के बीच नफ़रत फैला रहे हैं। लोगों को लड़ाने का काम कर रहे हैं।’’

उनका कहना था, ‘‘पिछले 140 वर्षों की यात्रा में कांग्रेस ने बहुत उतार चढाव देखे। पर कांग्रेस आज भी गांधीजी के विचारों की रोशनी में महात्मा गांधी के सिद्धांतों को समर्पित है और उसूलों पर कायम है।’’

पीटीआई के इनपुट के साथ

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