former prime minister dr manmohan singh passes away at 92 year : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। वे लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे। इससे पहले भी उन्हें कई बार स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। एम्स ने उनके निधन की पुष्टि कर दी है।
एम्स में प्रेस रिलीज में क्या कहा : एम्स की प्रेस रिलीज के अनुसार मनमोहन सिंह को रात 8.06 बजे गंभीर हालत में भर्ती कराया गया। पूरे प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उम्र से जुड़ी बीमारियों के कारण रात 9:51 बजे पर उनका निधन हो गया।
3 अप्रैल को राज्यसभा से रिटायर हुए थे : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 3 अप्रैल को राज्यसभा से रिटायर हुए थे। वे 1991 में सबसे पहली बार असम से राज्यसभा पहुंचे थे। तब से करीब 33 साल तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे। छठी और आखिरी बार वे 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने थे। मनमोहन सिंह की सीट पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा पहुंची थीं। 20 फरवरी को उन्हें राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था।
सरल और शांत स्वभाव के नेता : 2004 से 2014 तक दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे थे और भारत के बड़े अर्थशास्त्रियों में उनकी गिनती होती थी। उन्होंने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय और ग्रेट ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। मनमोहन सिंह को हमेशा अपने सरल और शांत स्वभाव के लिए याद किया जाएगा।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि : पीएम मोदी ने X पर लिखा- भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंहजी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री समेत पदों पर काम किया। सालों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। संसद के अंदर उनका योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।
डॉ. मनमोहन सिंह राजनीतिक सफर : 1957 से 1965- चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय में अध्यापक बने। 1969 से 1971- दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अन्तरराष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर रहे। 1976- दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मानद प्रोफेसर बने। 1982 से 1985- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। 1985 से 1987- योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे। 1990 से 1991- प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार रहे। 1991- नरसिंहराव सरकार में वित्त मंत्री बने। 1991- पहली बार असम से राज्यसभा के सदस्य बने। 1996- दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मानद प्रोफेसर बने। 1999- दक्षिण दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2001- तीसरी बार राज्यसभा सदस्य बने और सदन में कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता बने। 2004 से 2014- भारत के प्रधानमंत्री रहे। 2019-2024 छठी बार राज्यसभा के सदस्य रहे।