Dungarpur बिल पास करने की एवज में 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए एसई के मामले में बड़ा खुलासा
aapkarajasthan December 29, 2024 02:42 AM
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर  जल जीवन मिशन के काम में 2.40 कराेड़ रुपए के बिल पास कराने के बदले 2 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया जलदाय विभाग का एसई अनिल कच्छावा काफी लालची था। उसने बिल पास करने के लिए पहले ठेकेदार की अओर से करवाए गए काम के निरीक्षण का दबाव डाला।निरीक्षण करने के बाद भी पैसाें की डिमांड करता रहा। दाेनाें की बातचीत सुनकर आश्चर्य हाेता है कि एसई ठेकेदार से रिश्वत लेने के लिए बहुत कड़े शब्दाें का भी इस्तेमाल कर रहा था। उसने यह समझा लिया था कि बिल पास करने के लिए रिश्वत लेना उसका अधिकार है।रिश्वत की मांग और रिश्वत लेते पकड़े जाने का यह पूरा मामला पांच दिन चला। एसई ने पांचवें दिन एक लाख और छठे दिन 2 लाख रुपए रिश्वत ली। दाे लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए एसई ने उसे रंगे हाथाें गिरफ्तार कर लिया।

9 दिसंबर: पहला दिन

एसई- काम एमबी से चेक हाेता है, मेरे भाई। कहां, कितनी लाइन डाली है, कितनी ले रखी है। कितने का बिल बना रखा है। कितना शिड्यूल में है। सब चेक हाेगा। देखना ताे पड़ेगा ना। नक्शे में है या नहीं।
ठेकेदार: आप ताे आज्ञा कर दाे।
एसई: आज्ञा, वाज्ञा क्या करें। देखाने ताे दाे। बिना टीपीआई वालाें में क्या-क्या किया। हैंडपंप वालाें में बी क्लास पाइप करना चाहिए। वहां पर ए क्लास पाइप लगा रखा है। बाेर की डेफ्थ 80 मीटर की जगह 280 का पीएन एट कर रखा है। उसमें पीएन एट प्रेशर वाला पाइप हैंडपंप के स्कूलाें में लगा रखाे हैं ना। ऐसे-ऐसे काम कर कर रखे हैं।

ठेकेदार: आप आज्ञा कराे। इनमें से भी आप जैसे कहे इनकाे भी देखाना हाे ताे और दिखा देंगे। काेई दिक्कत नहीं।
एसई: बिना बाेले माेबाइल स्क्रीन पर 3,00,000 रुपए लिखकर ठेकेदार काे माेबाइल दिखाया और कहा कि यह कर देना।
ठेकेदार: 3 लाख फाइनल।
एसई: हां और क्या।
ठेकेदार: थाेड़ी बहुत राहत। एसई: मैंने पहले ही कहा था कि ईएफ एंड बट मत करना। जाे भी अभी जिस कंडीशन में जाे भी करवाना है वाे फाइनल ले आ। फिर दाेबारा ये नहीं कि मैं वापस ले के बिल, ये करवा लू, वाे करवा लूं।
ठेकेदार: फाइनल ताे फाइनल की करने पड़ेंगे सर।

10 दिसंबर ..दूसरा दिन
एसई: अब कायंके लिए आए हाे भाई। ठेकेदार: सर, गाड़ी खराब हाे गई थी।
एसई: हम फालतू थाेड़े ही है कि तुम्हारे काम के लिए बैठे रहेंगे।
ठेकेदार: सर काम की साइड दिखाने के लिए मैं हाजिर हूं। काेई दिक्कत नहीं। एसई: जब टाइम हाेगा, तब बता देंगे आपकाे। इस दाैरान ठेकेदार की एसईएन काैशल कलाल से भी बात हुई। कलाल ने ठेकेदार काे बताया कि एसई साहब से बात कराे ताे व्हाट्सएप काॅल ही करना। वे साधारण काॅल पर बात नहीं करते हैं।

11 दिसंबर ...तीसरा दिन
एसई: ब्लाॅक साबला में आपकी ओर से किए गए कार्याें का निरीक्षण माैके पर जाकर करना पड़ेगा। अभी मैं कलेक्ट्री मीटिंग में जा रहा हूं। फ्री हाेकर माैके पर निरीक्षण के लिए चलेंगे। इसके बाद एसई और उनकी टीम ने आसुपर एरिया में ठेकेदार की ओर से किए गए काम का निरीक्षण किया।

12 दिसंबर ...चाैथा दिन
ठेकेदार: सर, 1 लाख ताे भले आज कहाे ताे आज ही दे दूं। बाकी साेमवार-मंगलवार काे मिलेंगे। 2.40 कराेड़ रुपए के आसपास बिल बाकी है।
एसई: मैंने ताे बता दिया, जाे बता दिया। इसमें गुणा-भाग मत करना।
ठेकेदार: मैं गुणा-भाग नहीं कर रहा हूं। आपने बता दिया ताे मैं तैयार हूं। आज एक लाख ही हैं। मतलब साेमवार-मंगलवार काे लाकर दे दूंगा।
एसई: इसकाे दे देना शाम काे जब आप घर आओं ना तब।
ठेकेदार: ठीक है।

13 दिसंबर ...पांचवां दिन
ठेकेदार: सेठ जी से बात हाे गई है। सेठ जी ने कहा है कि तीनाें फाइनल कर देते हैं ताे 3 लाख कर देंगे।
एसई: वाे ताे हाे जाएंगे। बाकी के उनके। ठेकेदार: उनके भी करेंगे।
एसई: कब कराेगे।
ठेकेदार: पेमेंट आते ही कर देंगे।
एसई: पेमेंट ताे हाे चुका है पहले। कितने हैं।
ठेकेदार: एक लाख है।
एसई: एक लाख काे टेबल पर रखने का इशारा किया।
ठेकेदार: एक लाख रुपए टेबल पर रख दिए।

17 दिसंबर ...छठा दिन: ठेकेदार ने एसई काे वाट्सएप काॅल किया। एसई ने ठेकेदार काे सिंटेक्स राेड स्थित किराए के मकान भ्रात-छाया पर बुलाया। इसके बाद ठेकेदार घर पहुंचा और एसई ने उससे 2 लाख रुपए ले लिए। एसई ने ये रुपए लेकर अलमारी में रख दिए थे। एसीबी ने दाे लाख रुपए के नाेट अलमारी की दराज से जब्त किए थे।

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