Income Tax on Property: 40% घट गया प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स, लेकिन अब देना होगा पौने दो गुना ज्यादा पैसा
Himachali Khabar Hindi December 29, 2024 11:42 AM

Income Tax on Property: भारत में संपत्ति की खरीद और बिक्री पर टैक्स हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। हाल ही में, सरकार ने प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले आयकर (Income Tax) को कम कर दिया है, लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसे बदलाव किए हैं, जो एक नई चुनौती पेश करते हैं। इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि किस प्रकार 40% तक घट चुका प्रॉपर्टी टैक्स अब कैसे बढ़कर एक नए रूप में सामने आया है। साथ ही यह भी समझेंगे कि इस बदलाव का आपके वित्तीय फैसलों पर क्या असर पड़ सकता है और कैसे आप इसका सही उपयोग कर सकते हैं।

क्या है प्रॉपर्टी पर आयकर और क्यों है जरुरी?

भारत में प्रॉपर्टी पर टैक्स का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संपत्ति बेचने से होने वाली आय पर उचित कर लगाया जाए। जब आप कोई संपत्ति बेचते हैं, तो अगर उसे खरीदने के बाद उसकी कीमत बढ़ी हो, तो उसे पूंजीगत लाभ (Capital Gain) माना जाता है। इस लाभ पर सरकार टैक्स वसूलती है।

पहले प्रॉपर्टी बेचने पर Short Term Capital Gain (STCG) और Long Term Capital Gain (LTCG) के आधार पर अलग-अलग टैक्स दरें लगती थीं।

40% घट चुका टैक्स

सरकार ने हाल ही में प्रॉपर्टी पर लगने वाले टैक्स को 40% तक घटा दिया है, जो लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) के तहत आता था। हालांकि, इस बदलाव का मतलब यह नहीं है कि टैक्स पूरी तरह से कम हो गया है। इसके बावजूद, अब आपको कुछ नई वित्तीय जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ेगा।

आपको पहले की तुलना में अधिक टैक्स देना होगा, और इसके साथ ही नई नियमों के तहत आपको एक उच्च दर पर टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा।

कैसे बदल रहे हैं टैक्स के नियम?

अब, सरकार ने प्रॉपर्टी पर होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स के तरीके को भी अपडेट किया है। पहले यदि आपने संपत्ति को 2 साल या उससे अधिक समय तक रखा और फिर उसे बेचा, तो उस पर कम टैक्स (20%) लगता था। लेकिन अब यह दर बढ़ाकर लगभग 25% हो गई है। साथ ही, आप पर Inflation Adjustment का भी असर होगा, यानी संपत्ति की वास्तविक कीमत में महंगाई के असर को भी देखा जाएगा।

क्या आपको यह बदलाव समझ में आ रहा है?

यहां हम इसे एक उदाहरण के माध्यम से और स्पष्ट करते हैं। मान लीजिए, आपने एक प्रॉपर्टी ₹50 लाख में खरीदी और 5 साल बाद उसे ₹1 करोड़ में बेचा। पुराने नियमों के अनुसार, इस लाभ पर आपको करीब ₹10 लाख का टैक्स देना पड़ता था। लेकिन अब नए नियमों के अनुसार, इस पर टैक्स ₹12-13 लाख तक हो सकता है, क्योंकि टैक्स दर और Inflation Adjustment दोनों ही बढ़ गए हैं।

प्रॉपर्टी पर आयकर से बचने के उपाय

यहां कुछ तरीके दिए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से आप प्रॉपर्टी पर आयकर से बच सकते हैं:

  • प्रॉपर्टी को लंबे समय तक रखें (LTCG): अगर आप संपत्ति को लंबे समय तक रखते हैं, तो टैक्स की दर कम हो सकती है।
  • निवेश के विकल्प बदलें: आप अपने पूंजीगत लाभ का इस्तेमाल वित्तीय निवेश जैसे कि PPE (Public Provident Fund) या NPS (National Pension Scheme) में कर सकते हैं, जिससे टैक्स छूट मिलती है।
  • (FAQs)

    1. प्रॉपर्टी पर टैक्स में कितनी कमी आई है?

    पहले प्रॉपर्टी पर आयकर की दर 40% तक थी, अब इसे घटाकर 25% किया गया है। लेकिन इसके साथ ही आपको कुछ नए नियमों का पालन करना होगा।

    2. क्या मैं अपनी संपत्ति को बेचने से पहले टैक्स की जानकारी ले सकता हूँ?

    हां, , आपको संपत्ति बेचने से पहले आयकर सलाहकार से परामर्श करना चाहिए ताकि आपको सही टैक्स की जानकारी मिल सके और आप अपनी वित्तीय योजना को सही तरीके से बना सकें।

    3. क्या टैक्स छूट के लिए मेरी संपत्ति को ज्यादा समय तक रखना जरूरी है?

    हां, यदि आप अपनी संपत्ति को 2 साल या उससे अधिक समय तक रखते हैं, तो आपको लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स की कम दर मिलेगी।

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