पटना ( अ सं ) । सरकार के नाक के नीचे खनन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चल रहा है , और इसके सूत्रधार है खनन निरीक्षक । ऐसे तो “ तरूणमित्र “ हिन्दी दैनिक ने इसका ख़ुलासा एक सप्ताह पहले ही कर दिया था लेकिन संगलिप्त खनन निरीक्षकों के ग़लत रिपोर्टिंग से वरीय अधिकारी मानने को तैयार नहीं थे । शनिवार को दानापुर एसडीएम ने जब अचानक बिहटा के बेंदौल बालू घाट पर उतर गई और दिनदहाड़े अवैध बालू खनन करते 7 पॉकलेन को पकड़ लिया । मालूम हो की पटना जिले के सोन नदी बंदौल बालू घाट को बंदोबस्तधारी ने सरेंडर कर दिया है । सरकार के नज़र में उक्त बेंदौल बालू घाट सरेंडर है , फिर प्रतिदिन अवैध खनन कैसे हो रहा था । जबकि अवैध खनन को रोकने के लिए पटना जिला में चार खनन निरीक्षक तैनात है । फिर यह अवैध बालू खनन पर कैसा निगरानी और कैसे निरीक्षण कर रहे है , इसका जबाब तो स्वयं खनन निरीक्षक दें सकते हैं या फिर खनन विभाग ।
पटना जिला में 8 बालू बंदोबस्तधारियों ने सोन बालू घाट को सरेंडर कर दिया । बेंदौल बालू घाट का अवैध खनन पकड़ा जाना , उक्त आरोप सभी सरेंडर बालू घाटों पर हो रहे अवैध खनन को पुख्ता कर दिया है । सरकार को भले ही सरेंडर घाटों से क़रीब 150 - 200 करोड़ का नुक़सान हुआ है लेकिन खनन निरीक्षकों के संरक्षण में बालू माफिया प्रतिदिन करोड़ों का बालू निकाल रहें है । वहीं अग़ल- बग़ल के बालू बंदोबस्तधारियों का भी चांदी कट रहा है , और सभी मिल बांटकर रेवडि़यां खा रहे है । इसमें कई विभाग के वरीय पदाधिकारी शामिल है । सरेंडर हुए बालू घाटों पर से निरंतर अवैध बालू खनन हो रहा है । एसडीएम दानापुर को दिखाई दे दिया की अवैध बालू खनन हो रहा है लेकिन खनन निरीक्षकों को क्यों दिखाई नहीं देता ।
खनन विभाग में घोटाला एक स्तर से नहीं बल्कि कई नायाब तरीक़े से किया जा रहा है । एक गाड़ी का चालान पटना के लिए कटता है । इसका समय अवधि 6 घंटा है । एक ट्रक पटना पहुंचता है वहीं 5 ट्रक बालू स्टॉक लाइसेंस पर पहुंचता है । यहीं नहीं फ़र्ज़ी चालान बड़े स्तर पर के लाइसेंसधारी बालू स्टॉक कर रहे है । इसमें अधिकांश पूर्व के बालू बंदोबस्तधारी हैं या फिर इनसे जुड़े लोग । और वही नायब तरीक़ा एक चालान पर 6 बार बालू निकासी । या कहें तो बालू माफियाओं ने गाड़ियों में लगे जीपीएस सिस्टम को हैक कर लिया है । अगर ख़ुलासा करना है तो के लाइसेंस पर हो रहे बालू स्टॉक के गाड़ियों का जीपीएस और गाड़ियों का जांच कर लें ।या नौबतपुर थाना के पास थाना के लगे सीसीटीवी फुटेज खँगाल ले । सब स्पष्ट हो जायेगा, लेकिन कोई करेगा क्यों . जांच करने वाले ही साझेदार है । बालू बंदोबस्तधारियों पर नकेल कसने के लिए बालू घाटों पर सीसीटीवी और धर्मकांटा लगवाया गया है , कभी यह जांच हुआ की बालू बंदोबस्तधारियों ने कितने बाइपास रास्ता बना रखा है ।
साहब सिर्फ़ ख्याली पुलाव पकाने से नहीं होगा, ज़मीन पर उतरना होगा वरना वह दिन दूर नहीं जब बालू के लिए कटोरा लेकर घूमना होगा । अवैध बालू खनन पर अगर ठोस कार्रवाई नहीं हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब बालू के अभाव में सूबे में निर्माण कार्य ठप पड़ जायेगा और विकास की गति ठहर जायेगा । आम लोगों के लिए सोन बालू से घर बनाना सपना हो जाएगा .और पुनः बिहार पलायन के कगार पर आ जाये । अवैध बालू खनन से सोन नदी पहले ही बर्बाद हो चुकी है कहीं ऐसा न हो की सोन नदी का अस्तित्व ही नहीं बचें ।