दादाजी या पिता ने बना दी वसीयत तो क्या उसे कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं, जान लो कायदे-कानून
Himachali Khabar Hindi December 31, 2024 07:42 AM

वसीयत, जिसे आमतौर पर विल (Will) कहा जाता है, एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसके जरिए संपत्ति के मालिक अपने बाद उसकी बांटने की प्रक्रिया तय करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य परिवार में किसी विवाद को टालना और संपत्ति का बंटवारा अपनी इच्छा के अनुसार करना होता है। लेकिन कई बार Will परिवार के कुछ सदस्यों को मंजूर नहीं होती और वे इसे कोर्ट में चुनौती देना चाहते हैं। भारतीय कानून के तहत यह पूरी तरह संभव है।

वसीयत को कब और कैसे चैलेंज कर सकते हैं?

Will को चैलेंज करना तभी संभव है जब इसके निर्माण में कुछ कानूनी खामियां हों या इसे अनैतिक तरीकों से बनाया गया हो। अगर विल पर सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया हो, तो इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। उदाहरण के लिए:

  • Will निर्माण में गड़बड़ी: अगर विल पर तारीख नहीं है, इसे दो बालिग गवाहों की मौजूदगी में नहीं बनाया गया है या इसमें जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है।
  • नाबालिग वसीयतकर्ता: वसीयतकर्ता की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
  • मानसिक स्थिति का प्रमाण: वसीयतकर्ता मानसिक रूप से अस्वस्थ था और इसका प्रमाण पेश किया जा सकता है।
  • दबाव या प्रभाव का मामला: विल दबाव, डर या प्रभाव में बनाई गई है।
  • धोखे से बनाई गई वसीयत: अगर विल में धोखाधड़ी हुई है या हस्ताक्षर सही व्यक्ति के नहीं हैं।
  • पर्याप्त अधिकार नहीं: अगर किसी उत्तराधिकारी को विल में उसके अधिकारों से वंचित किया गया है।
वसीयत को चुनौती देने की प्रक्रिया

Will को कोर्ट में चुनौती देने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने होते हैं, रजिस्ट्री अधिनियम की धारा 18 के तहत केस दर्ज किया जाता है। वकालतनामा (Power of Attorney) जारी करके अपने वकील को केस पेश करने का अधिकार दें। केस फाइल होने के बाद कोर्ट फीस जमा करनी होती है। कोर्ट आपके दावों और संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा करेगा। अगर दावा सही साबित हुआ तो Will को आंशिक या पूरी तरह अमान्य कर दिया जाएगा।

कौन कर सकता है Will को चैलेंज?

विल को चैलेंज ऐसे नागरिक कर सकता है, जो वसीयत का कोई भी उत्तराधिकारी जो संपत्ति में अधिकार रखता हो, Will में नामित कोई लाभार्थी जो इसे गलत मानता हो। नाबालिग उत्तराधिकारी की ओर से उसके माता-पिता या अभिभावक कर सकते हैं। अगर वसीयत में कॉलेज, समुदाय या किसी अन्य संगठन को शामिल किया गया है, तो वे भी चैलेंज कर सकते हैं।

(FAQs)

प्रश्न 1: वसीयत को चैलेंज करने का समयसीमा क्या है?
Will लागू होने के बाद जितना जल्दी हो सके केस दर्ज करना चाहिए। देरी से मामला कमजोर हो सकता है।

प्रश्न 2: क्या नाबालिग वसीयत बना सकता है?
नहीं, भारतीय कानून के अनुसार वसीयत बनाने वाले की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।

प्रश्न 3: क्या विल को चैलेंज करने का खर्च अधिक होता है?
खर्च अदालत की फीस, वकील की फीस और दस्तावेज़ी प्रक्रिया पर निर्भर करता है।

प्रश्न 4: क्या कोर्ट Will को पूरी तरह से रद्द कर सकती है?
हां, अगर वसीयत में गंभीर कानूनी खामियां पाई जाती हैं तो कोर्ट इसे पूरी तरह रद्द कर सकता है।

विल को चुनौती देना एक संवेदनशील और कानूनी प्रक्रिया है। यह तभी सफल हो सकती है जब आप अपनी दावेदारी को पुख्ता सबूतों के साथ पेश करें। अदालत इस बात की पुष्टि करती है कि विल निष्पक्ष और कानूनी रूप से वैध है।

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