भारत की इन जगहों पर रहती है मकर संक्रांति की खूब धूम,विदेशी लोग भी लेते हैं हिस्सा
Samachar Nama Hindi January 03, 2025 12:42 AM

ट्रेवल न्यूज़ डेस्क,नया साल 2025 आने के बाद से भारत में त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. जहां 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाएगा तो वहीं इसके अगले दिन यानी 14 तारीख को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. ये पर्व साल के सबसे बड़े त्योहारों में गिना जाता है. इस दिन सूर्य अपनी राशि बदलकर मकर में जाते हैं, जिसके कारण इसे मकर संक्रांति का त्योहार कहा जाता है.वैसे तो इस खास त्योहार पर लोग स्नान-दान करते हैं, लेकिन उत्तरायण का ये त्योहार गुजरात और राजस्थान में बेहद खास होता है. इस दिन लोग पतंगबाजी करते हैं. गुजरात में इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है. हर साल यहां इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल का आयोजन होता है. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां पतंगबाजी के लिए आते हैं.

गुजरात का उत्तरायण त्योहार

दरअसल, हिंदू कैलेंडर के अनुसार- उत्तरायण का त्योहार वह समय होता है, जब सर्दियों से गर्मियों की शुरुआत होती है. यह किसानों के लिए भी संकेत है कि फसल का मौसम आ गया है. इस दिन पतंगबाजी प्रतियोगिता आयोजन होता है, जिसमें दुनिया के कोने-कोन से लोग पतंग उड़ाने के लिए आते हैं. पूरा आसमान पतंगों से भर जाता है.

अगर आप पतंगबाजी का शौक रखते हैं तो अहमदाबाद जा सकते हैं. यहां मकर संक्रांकि पर शानदार नजारा देखने को मिलेगा. इस दौरान आपको हर जगह “काई पो छे” की आवाजें आती हैं.

जयपुर का पतंग उत्सव

अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव राजस्थान के जयपुर में भी मनाया जाता है. ये त्योहार राजस्थान के सबसे कलरफुल फेस्टिवल में से एक है. यह त्योहार भी 14 जनवरी मकर संक्रांति वाले दिन मनाया जाता है. यहां भी विदेशों से लोग पतंगबाजी का मजा लेने आते हैं.

क्यों मनाया जाता काइट फेस्टिवल

पतंगबाजी का त्योहार मनाने के पीछे भी वजह है. लोगों का मानना है कि सर्दियों के दौरान हमारा शरीर सर्दी-खांसी के संक्रमित हो जाता है. लेकिन जब सूर्य उत्तरायण में चलता है, तो उसकी किरणें शरीर के लिए औषधि का काम करती हैं. बहरहाल, इस मकर संक्रांति के त्योहार पर आप इन दोनों में राज्यों में घूमने का प्लान बना सकते हैं.

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