देवेंद्र फडणवीस ने विभाग बंटवारे के बाद सभी मंत्रियों को बंगला भी आवंटित कर दिया
Samachar Nama Hindi January 03, 2025 03:42 AM

देवेंद्र फडणवीस ने विभागों के बंटवारे के बाद सभी मंत्रियों को बंगले भी आवंटित कर दिए हैं, जिसके बाद मुंबई के राजनीतिक गलियारों में रामटेक बंगला फिर से चर्चा में आ गया है। सरकार ने यह बंगला वरिष्ठ मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को दे दिया है, जिससे बावनकुले नाराज बताए जा रहे हैं।

रामटेक बंगला मालाबार हिल में स्थित है।
मालाबार हिल मुंबई के सबसे पॉश इलाकों में से एक माना जाता है। उन्हें मुंबई की रानी भी कहा जाता है। मालाबार हिल फिल्म उद्योग और देश के बड़े व्यापारियों का घर है। भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष का घर भी यहीं स्थित है। यहां राज्य के राज्यपाल के लिए एक आवास भी बनाया गया है।

रामटेक बंगला भी मालाबार हिल में स्थित है। इस बंगले को 2010 में 43 लाख रुपए की लागत से सजाया गया था। इसके बाद यह बंगला सुर्खियों में आ गया। यह बंगला 8,857 वर्ग मीटर में फैला हुआ है।

तो फिर बावनकुले परिवार बंगला क्यों नहीं खरीदना चाहता?
सवाल उठता है कि फिर चंद्रशेखर बावनकुला यह बंगला क्यों नहीं खरीदना चाहते? इस बारे में अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन मुख्य कारण बंगले का पनौत होना बताया जा रहा है। अभी तक इस बंगले में रहने वाले सभी नेताओं की कुर्सियां सुरक्षित नहीं हो पाई हैं। इस सूची में विलासराव देशमुख से लेकर दीपक केसरकर तक के नाम शामिल हैं।

1. शरद पवार 1993 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनाये गये। लातूर के विधायक विलासराव देशमुख को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। देशमुख को सरकार में राजस्व और चिकित्सा शिक्षा जैसे प्रमुख विभाग दिए गए। देशमुख को बड़ा विभाग मिलने के कारण रामटेक बंगला आवंटित किया गया था। वह इसमें रहने भी गए, लेकिन 1995 में यह जीर्ण-शीर्ण हो गया। देशमुख 1995 में अपनी सीट हार गये। इस साल पवार की सरकार भी गिर गई।

2. गोपीनाथ मुंडे को 1995 में रामटेक बंगला आवंटित किया गया था। वह मुंडे सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। यह डिप्टी सीएम का बंगला होने के कारण सुर्खियों में रहा, लेकिन 1999 में भाजपा-शिवसेना सरकार सत्ता में आ गई। इसके बाद मुंडे भी राजनीतिक पृष्ठभूमि में चले गए। 1999 के बाद 2014 में उन्हें केंद्र में मंत्री नियुक्त किया गया।

3. 1999 में विलासराव देशमुख और सुशील कुमार शिंदे की सरकार में छगन भुजबल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। रामटेक का बंगला भुजबल को आवंटित किया गया था। 2003 में भुजबल तेलगी को इस मामले में फंसाया गया। उन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी।

4. 2010 में भुजबल मंत्री बनकर महाराष्ट्र लौटे। इस बार भी उन्हें यह बंगला आवंटित किया गया, लेकिन 2014 में कांग्रेस-राकांपा सरकार सत्ता में आ गई। भुजबल पर ईडी का शिकंजा कस गया और उन्हें जेल जाना पड़ा।

5. यह बंगला 2014 में देवेंद्र फडणवीस सरकार के दौरान एकनाथ खडसे को आवंटित किया गया था। खडसे सरकार में एक शक्तिशाली नेता थे। खडसे इस बंगले में कुछ ही दिन रहे थे कि उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। खड़से का टिकट 2019 में भी रद्द कर दिया गया था।

6. यह बंगला उद्धव ठाकरे सरकार में छगन भुजबल को आवंटित किया गया था, लेकिन सरकार केवल 2 साल तक ही चल सकी। इसके बाद एकनाथ शिंदे सरकार में रामटेक बंगला दीपक केसरकर को दे दिया गया। शिवसेना के तेजतर्रार नेता केसरकर को विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

रामटेक बंगलो के लिए आगे क्या है?
चर्चा है कि बावनकुले इस बंगले की अदला-बदली मंत्री पंकजा मुंडे से करना चाहते हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो मुंडे को यह बंगला आवंटित किया जा सकता है। पंकजा के पिता गोपीनाथ मुंडे भी इसी बंगले में रहते हैं।

पंकजा मुंडे विधान परिषद की सदस्य हैं, जिन्हें ओबीसी और महिला कोटे से फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पंकजा के पास पर्यावरण और पशु कल्याण विभाग है।

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