-योगी सरकार से हरी झंडी मिलने पर विभाग ने की तैयारी
हमीरपुर, 5 जनवरी (हि.स.)। बुंदेलखंड में पहली बार सरकार ने खजूर की पैदावार कराने के लिए तैयारी की है। विभाग के अनुदान से यहां पहली बार किसान खजूर पर दांव लगाएंगे। बुंदेलखंड के सातों जिलों में शुरुआत में करीब डेढ़ हजार खजूर के पेड़ लगवाने का फैसला किया गया है। उद्यान विभाग के अधिकारियों की मानें तो खजूर की पैदावार में लागत बहुत ही कम आएगी लेकिन इससे कमाई मोटी होगी।
बुंदेलखंड में करीब बीस लाख किसान परम्परागत खेतीबाड़ी करते हैं। अकेले हमीरपुर जिले में ही एक लाख बीस हजार किसान खरीफ और रबी की खेती करते हैं लेकिन पिछले कई दशकों से दैवीय आपदाओं की मार से बुंदेलखंड का किसान बुरी तरह तबाह हो गया है। पिछले साल ही ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश ने हजारों किसानों की उम्मीदें धोकर रख दी हैं। फसलें तैयार होने से पहले ही आसमान से ओले गिरने से चौपट हो गई थी। इसीलिए अब यहां के किसानों ने फलों और औषधियों की खेती की तरफ कदम बढ़ाए हैं। इधर योगी सरकार में पहली बार बुंदेलखंड की भूमि पर खजूर की खेती कराए जाने का फैसला किया गया है। जिला उद्यान विभाग ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, महोबा, जालौन, ललितपुर और झांसी के अलावा आसपास के इलाकों में डेढ़ हजार से अधिक खजूर के पौधे लगाए जाने का प्लान भी डिपार्टमेंट तैयार करा रहा है। इसकी खेती को बढ़ावा दिए जाने के लिए किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है।
खजूर के बंपर उत्पादन के लिए किसानों को सरकार देगी अनुदानजिला उद्यान अधिकारी आशीष कटियार ने बताया कि खजूर की खेती से किसानों को बड़ा मुनाफा होगा। शासन ने पहली बार इसकी खेती के लिए ढाई सौ पौधे लगाने का लक्ष्य दिया है। उन्होंने बताया कि खजूर का एक पेड़ तैयार करने में पांच हजार रुपये की लागत आएगी लेकिन इससे कमाई ट्रिपल होगी। उन्होंने बताया कि खजूर की खेती के लिए शासन के निर्देश पर उद्यान विभाग किसानों को पचास फीसदी अनुदान भी देगा।
कम लागत में खजूर की पैदावार से किसानों की बदलेगी तकदीरजिला उद्यान निरीक्षक सौभाग्य सोनी ने बताया कि बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, बांदा, झांसी, ललितपुर व जालौन आदि सातों जिलों की जलवायु खजूर की खेती के लिए बड़ी ही अनुकूल है। इसीलिए यहां अकेले हमीरपुर जिले में पहली बार ढाई सौ खजूर के पौधे लगाने की लक्ष्य शासन ने दिया है। उन्होंने बताया कि बाजार में इसकी डिमांड ज्यादा होने के कारण इसकी खेती से किसानों की तकदीर ही बदलेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा
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