कुरुक्षेत्र, 7 जनवरी (आईएएनएस)। भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में वृद्धि के बीच सभी सरकारों ने कमर कस ली है। केंद्र ने राज्यों से देश में श्वसन संबंधी बीमारियों पर निगरानी की समीक्षा करने को कहा है।
हरियाणा में फिलहाल इसका कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद कुरुक्षेत्र स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
इस बारे में सिविल अस्पताल कुरुक्षेत्र के डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया, ''इसके बारे में जो हमने अभी तक सरकार से जो निर्देश प्राप्त हुए हैं, उसके हिसाब से यह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) है। यह कोई नया वायरस नहीं है। इसके मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इसके लक्षण लगभग कोरोना वायरस जैसे ही हैं।''
उन्होंने कहा, ''हमने कोविड के दौरान मरीजों में बुखार, खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण देखे थे, इसके भी वहीं लक्षण है।''
आगे कहा, ''हमने सरकारी और निजी अस्पतालों में निर्देश जारी कर दिए हैं कि वह अपने अपने अस्पताल में फ्लू डेस्क की स्थापना जरूर करें, ताकि जो इस तरह के मरीज हैं, उनको अलग से देखा जा सके। साथ ही जो बड़े अस्पताल हैं, उनमें हमने आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए निर्देश जारी किए हैं, ताकि जब तक कन्फर्मेशन नहीं होती, इस तरह के जो गंभीर मरीज हैं उनको अलग से रखा जा सके।''
डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा, '' हमारे पास इसे टेस्ट करने की भी सुविधा है। किट्स हमें सरकार से मिलेगी, जिससे जांच शुरू होगी। आरटी पीसीआर और एलिसा इसके लिए महत्वपूर्ण टेस्ट हैं, जो हमारे पास उपलब्ध हैं।''
आगे कहा, ''जैसे ही हमें सरकार की ओर से कोई निर्देश प्राप्त होंगे तो हम वह भी साथ के साथ शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इसका इलाज साधारण ‘पेरासिटामोल’ की दवा है। बुखार और दर्द के लिए हम इसको ले सकते हैं और इसके साथ ही पानी का खूब सेवन करें।''
इसे फैलने से रोकने के लिए सबसे बढ़िया तरीका यह है कि हम अपने हाथों को साफ रखें और किसी भी ऐसी सतह पर हाथ न लगाए जहां संक्रमण हो सकता है, खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को ढकें।
देश में अब तक कर्नाटक (2), गुजरात (1) और तमिलनाडु (2) समेत एचएमपीवी के सात मामले सामने आए हैं। सभी मामले 3 महीने से 13 साल की उम्र के बच्चों में पाए गए।
--आईएएनएस
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