एक नए एक्सपेरियन इंडिया श्वेत पत्र के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने ₹10 लाख से कम के व्यवसायिक ऋणों में 67% की प्रभावशाली वृद्धि देखी है, जिससे राज्य भारत के बढ़ते छोटे ऋण बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गया है। रिपोर्ट का नाम “Small is BIG: How Fintechs are Revolutionizing Lending,” (“स्मॉल इज़ बिग: फिनटेक कैसे ऋण व्यवस्था में क्रांति ला रहे हैं”) है, जिसमें वित्त वर्ष 2024 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 के दौरान उत्तर प्रदेश की ऋण वृद्धि को उजागर किया गया है। यह रिपोर्ट फिनटेक आधारित समाधानों के जरिए वित्तीय समावेशन में राज्य की प्रगति को दर्शाती है।
उत्तर प्रदेश के व्यक्तिगत ऋण बाजार में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जहाँ ₹1 लाख से कम के ऋणों में 20% की बढ़ोतरी हुई है। इससे राज्य फिनटेक द्वारा संचालित ऋण विस्तार में एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में और भी मजबूत हो गया है।
उत्तर प्रदेश में, फिनटेक ऋणदाताओं ने ₹1 लाख से कम के व्यक्तिगत ऋण बाजार का 49% हिस्सा हासिल किया है, और 67% लोग फिनटेक प्लेटफॉर्म के माध्यम से ₹10 लाख से कम के व्यवसायिक ऋण प्राप्त कर चुके हैं। छोटे ऋणों में इस वृद्धि से वित्तीय क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है, जिससे नए क्रेडिट लेने वाले (New to Credit (NTC)) व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिल रही है।
श्वेत पत्र में खुलासा हुआ है कि फिनटेक कंपनियों ने मार्च 2024 तक देशभर में ₹2,48,006 करोड़ के व्यक्तिगत ऋण और ₹28,607 करोड़ के व्यवसायिक ऋण प्रदान किए हैं। ये ऋण, जो अक्सर ₹50,000 से कम होते हैं, मुख्य रूप से नए क्रेडिट लेने वालों (NTC), कम क्रेडिट रिकॉर्ड वाले और सब-प्राइम उधारकर्ताओं तक पहुंचे हैं, जिनमें से कई पहले औपचारिक वित्तीय प्रणाली से बाहर थे।
मनीष जैन, कंट्री मैनेजिंग डायरेक्टर, एक्सपेरियन इंडिया ने कहा, “भारत में फिनटेक क्रांति अभी शुरू ही हुई है, और इसमें वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। फिनटेक कंपनियों ने उन लोगों को क्रेडिट उपलब्ध कराकर पहले ही बड़ा असर डाला है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, लेकिन अभी और काम किया जाना बाकी है। इस श्वेत पत्र में दी गई जानकारी आने वाले अवसरों और चुनौतियों को उजागर करती है।”