भारतीय खाने में जब तक दाल-चावल सब्जी रोटी न हो तब तक मजा नहीं आता. हम में से कई लोग ऐसे हैं तो रोटी खाना पसंद करते हैं तो कुछ चावल. भारतीय भोजन का चावल एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. कई राज्य ऐसे भी हैं जहां लोग चावल के बिना खाना खाते तक नहीं है. चावल से सिर्फ दाल-चावल ही नहीं बल्कि कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं, जैसे खिचड़ी, खीर, बिरयानी, पुलाव और चूड़ा. हालांकि डायबिटीज के मरीजों को चावल खाने की मनाही होती है. शुगर के मरीजों को सफेद चावल न खाने की सलाह दी जाती है.
डॉक्टरों की मानें तो चावल खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरे की घंटी बन सकता है. हालांकि ऐसा सिर्फ सफेद चावल के लिए कहा जाता है. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो अपने आहार में कई अन्य तरीके के चावल को शामिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीज किस तरह के चावल खा सकते हैं और कौन से नहीं.
चावल में कार्बोहाइड्रेट अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाने का काम कर सकता है, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को सफेद चावल नहीं खाना चाहिए. सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है. हालांकि डॉक्टर्स की मानें तो अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो ऐसा भी नहीं है कि आपको चावल कभी खाना ही नहीं है, अगर कभी-कभी आपका मन करता है तो आप 1 से 2 चम्मच चावल खा सकते हैं. इससे आपकी सेहत पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. हालांकि नियमित रूप से सफेद चावल खाने से शुगर बढ़ती है और डायबिटीज टाइप 2 का खतरा भी 11 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जिन लोगों को हाई ब्लड शुगर की समस्या रहती है उन्हें सफेद चावल खाने से बचना चाहिए. आप स्वाद के लिए कभी-कभी दूसरे चावल को खा सकते हैं, हालांकि उसकी मात्रा भी बहुत ही सीमित होनी चाहिए.
ब्राउन राइस: डायबिटीज के मरीज ब्राउन राइस खा सकते हैं. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. ब्राउन राइस में फाइबर अधिक होता है. इससे यह धीरे-धीरे पचता है. इससे ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता है.
समा चावल: मधुमेह में समा चावल कभी-कभी खाया जा सकता है, क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से कम होता है. समा चावल खाने से ग्लूकोज का स्तर तेजी से नहीं बढ़ता है. इसे आप व्रत के दौरान आसानी से खा सकते हैं.
बासमती चावल: कभी-कभी आप बासमती चावल बहुत सीमित मात्रा में खा सकते हैं. इसका कारण इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है. बासमती चावल का GA तकरीबन 50-52 के बीच पाया जाता है. इससे शुगर लेवल नहीं बढ़ता है.
लाल चावल: मधुमेह के रोगी लाल चावल खा सकते हैं. लाल चावल का GA तकरीबन 55 के करीब होता है, जिसके चलते मधुमेह के रोगी इसे खा सकते हैं. इसमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भी अधिक होते हैं.
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसे केवल सुझाव के तौर पर लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.