Satya Nadella News: माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सत्य नडेला (Satya Nadella) ने बुधवार को यहां कहा कि भारत को कृत्रिम मेधा (AI) के क्षेत्र में अग्रणी कार्य करना चाहिए और आधारभूत मॉडल तैयार करना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि निवेश ही इसमें प्रवेश की वास्तविक बाधा है और मात्र एक गणितीय सफलता इसे पूरी तरह बदल सकती है। ALSO READ:
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया एआई टूर के दूसरे दिन नडेला ने कहा कि भारत भारतीय भाषाओं के क्षेत्र में और एआई का उपयोग करके अपने उद्योगों में बदलाव लाने में बड़ा काम कर सकता है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि भारत इसकी अगुवाई न कर सके। आप इसे बहुत ही अनोखे ढंग से परिभाषित भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मुझे नहीं लगता कि एआई के मोर्चे पर अभी तक आखिरी कोई ज्ञात सफलता सामने आई हो। मैं हमेशा कहता हूं कि हम एक गणितीय सफलता से दूर हैं। उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षाविदों, माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च जैसी अनुसंधान इकाइयों की गणित टीम और एल्गोरिदम टीम बहुत शानदार हैं।ALSO READ:
भारत अगुवा के रूप में कार्य करे : नडेला ने कहा कि आइए, स्पष्ट रूप से जिसे फ्रंटियर माना जाता है, उससे बंधे न रहें। इसलिए मैं कहूंगा कि भारत को निश्चित रूप से अगुवा के रूप में कार्य करना चाहिए। प्रशिक्षण के बाद इसका उपयोग भारतीय भाषाओं के लिए इसे बेहतर बनाने, भारतीय उद्योग के लिए इसे बेहतर बनाने आदि के लिए भी किया जाना चाहिए।
भारत अपना स्वयं का एआई का बुनियादी मॉडल बनाए : सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने पूछा कि क्या भारत को अपना स्वयं का एआई का बुनियादी मॉडल बनाना चाहिए, इसके जवाब में नडेला ने कहा कि भारत के पास ऐसा करने का विकल्प हमेशा मौजूद है, लेकिन आधारभूत मॉडल बनाने में वास्तविक प्रवेश बाधा निवेश है।ALSO READ:
उन्होंने कहा कि निवेश बाधा को देखने का दूसरा तरीका अनुसंधान की मदद से लागत को कम करना है, जो भारत के लिए हमेशा खुला है। भारत फिलहाल ओपन-एआई, गूगल आदि द्वारा विकसित एआई इंजन या आधारभूत मॉडल का उपयोग कर रहा है। इस कार्यक्रम में माइक्रोसॉफ्ट ने रेलटेल, अपोलो हॉस्पिटल्स, बजाज फिनसर्व, महिंद्रा ग्रुप और अपग्रेड के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की ताकि उनकी टीमों और ग्राहकों को क्लाउड और एआई नवोन्मेषण से लाभान्वित किया जा सके।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta