नारायण मूर्ति (narayana murthy) के 70 घंटे काम करने के बयान के बाद अब लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन (sn subrahmanyan) ने बयान दिया है कि कॉम्पिटिशन में रहने के लिए कर्मचारियों को हफ्ते में 90 घंटे (रविवार सहित) काम करना चाहिए। उनके बयान के बाद बवाल मचा गया है। 90 घंटे काम करने के सुझाव पर विवाद खड़ा हो गया है।
क्या बोले एसएन सुब्रह्मण्यन : कर्मचारियों से बातचीत के दौरान एसएन सुब्रमण्यम का एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें उन्होंने कर्मचारियों से सप्ताह में 90 घंटे और रविवार को भी काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर मैं आपको रविवार को काम करने के लिए मोटिवेट कर सकूं, तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि मैं खुद रविवार को भी काम करता हूं।
सुब्रह्मण्यन ने कहा कि घर पर छुट्टी लेने से कर्मचारियों को क्या फायदा होता है। आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? पत्नियां अपने पतियों को कितनी देर तक निहार सकती हैं? ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो। उन्होंने आगे कहा कि चीन जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है, क्योंकि चीनी कर्मचारी 90 घंटे काम करते हैं, जबकि अमेरिकी केवल 50 घंटे।
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इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने दिया था बयान : सुब्रमण्यम का ’90 घंटे काम’ का सुझाव इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के '70 घंटे काम' के सुझाव से भी एक कदम आगे है। नारायण मूर्ति ने पहले कहा था कि हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए और भारत को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। मूर्ति ने यह भी कहा था कि 1986 में भारत का 6 दिन से 5 दिन के वर्क वीक में बदलाव उन्हें निराशाजनक लगा।
आलोचना के बाद आई कंपनी की सफाई : चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम के उनके कॉमेंट पर हुई तीखी आलोचना के बाद कंपनी ने सफाई देते हुए कहा कि असाधारण परिणाम के लिए असाधारण प्रयास की जरूरत होती है। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि हम मानते हैं कि यह भारत का दशक है, जहां तरक्की और ग्रोथ के लिए सामूहिक समर्पण और कोशिश जरूरी है। चेयरमैन की टिप्पणी इसी बड़े लक्ष्य की ओर इशारा करती है।
सोशल मीडिया पर भड़के लोग : सुब्रमण्यम के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। इनमें अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी शामिल है। दीपिका पादुकोण ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी करने पर चेयरमैन की आलोचना की। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा कि यह चौंकाने वाला है कि इतने सीनियर पदों पर बैठे लोग इस तरह के बयान देते हैं। एक अन्य यूजर ने इसे सेक्सिस्ट सोच बताया। उन्होंने कहा कि एलएंडटी चेयरमैन का यह बयान गैर-जिम्मेदाराना है। ऐसा कहना न सिर्फ परिवार विरोधी संस्कृति को बढ़ावा देता है, बल्कि यह व्यक्तिगत चुनावों का भी अपमान है। Edited by : Sudhir Sharma