यादव बनकर समाज और मुख्यमंत्री मोहन यादव को बदनाम करने की साजिश, सीएम से की जांच की मांग
मध्यप्रदेश में सुनियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत यादव जाति को बदनाम करने के उद्देश्य से अनेक लोगों द्वारा यादव उपनाम लिखकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा हैं। म.प्र.कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव और यादव अहीर समाज के सेना प्रमुख राकेश सिंह यादव ने बताया कि इस मामले में यादव समाज ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की मांग की है और इस प्रचलन को यादव समाज को बदनाम करने की साजिश बताया है।
यादव उपनामों की बाढ़ आ गई : मध्यप्रदेश में यादव समाज से मुख्यमंत्री मोहन यादव के बनने के बाद अचानक यादव उपनामों की बाढ़ आ गई हैं। राजनैतिक एंव अपराधियों द्वारा यादव उपनाम लगाकर पिछड़े वर्ग की सुविधाओं का लाभ अवैध रूप से लिया जा रहा हैं।
मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव एंव यादव अहिर सेना प्रमुख राकेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इंदौर में सबूतों सहित 170 से ज़्यादा लोगों की एंव पांच संस्थाओं की जानकारी दी हैं। इन लोगों ने उक्त पांच सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से समाज का जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करके ज़िला कलेक्टर कार्यालय से यादव जाति का फ़र्ज़ी जाति प्रमाणपत्र बनवाया हैं। इन संस्थाओं द्वारा पैसा लेकर ग़ैर यादव समाज के व्यक्तियों को अवैध सामाजिक जाति प्रमाणपत्र जारी करें हैं।
राकेश सिंह यादव ने बताया कि इसी तरह भोपाल, सागर, जबलपुर, दमोह, ग्वालियर, गुना, उज्जैन, सतना में इसी तरह की सामाजिक संस्थाओं ने आर्थिक लाभ लेकर फ़र्ज़ी सामाजिक जाति प्रमाणपत्र से यादव जाति का होना प्रमाणित किया हैं।
उल्लेखनीय हैं की मध्यप्रदेश जाति एंव पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की अधिसूचना 85/25/4/84 दिनांक 26 दिसंबर 1984 की अनुसूची में दर्ज जाति एंव उपजाति को तीन पीढ़ियों की जानकारी के आधार पर सत्यापित करने के पश्चात भारत सरकार, कर्मिक एंव प्रशिक्षण विभाग के परिपत्र क्रमांक 369/2/22/93 स्था.(एस.ओ.टी.)दिनांक 8/09/1993 में सूची के कॉलम 3 में दर्ज हैं। इस आधार पर प्रमाणित किया जाता हैं कि जाति यादव हैं। लेकिन उपरोक्त नियमों के मापदंडों की अवहेलना करके फर्जी जाति सामाजिक प्रमाण पत्र आर्थिक लाभ लेकर जारी किए गये हैं।
इन संस्थाओं के अध्यक्ष और सचिव सहित फर्जी दस्तावेज से सामाजिक जाति प्रमाणपत्र लेने वालों के खिलाफ बीएनएस की धारा 420,467,468,120b के अंतर्गत एफ़आइआर दर्ज करके जांच की जाना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व महासचिव एंव यादव अहिर सेना प्रमुख राकेश सिंह यादव ने इन संस्थाओं के पदाधिकारियों के नाम सहित फर्जी सामाजिक प्रमाण पत्र से बनने जाति प्रमाणपत्र का उपयोग करके पिछड़े वर्ग को मिलने वाली शासकीय सुविधाओं एंव आरक्षण का लाभ उंठाकर सरकारी नौकरी में कार्यरत व्यक्तियों सहित अनेक ऐसे व्यक्तियों की सूची शिकायत में सलंग्न की गई हैं।
जो कि यादव समाज में नहीं आते हैं लेकिन यादव उपनाम का उपयोग करके लाभ लेते हैं। मध्यप्रदेश में यादव समाज से मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री को बदनाम करने के उद्देश्य एंव आम जनता पर यादव उपनाम का उपयोग करके धाक जमाकर आर्थिक ब्लैकमेल किया जा रहा हैं। इस तरह से ओबीसी बनकर यादव उपनाम लिखकर धोखाधड़ी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री से मांग की गई हैं की सख्त से सख्त कार्यवाही करके अनुग्रहित करें।
Edited By: Navin Rangiyal