नई दिल्ली, 13 जनवरी . जम्मू-कश्मीर के 49 छात्रों का एक शैक्षिक भ्रमण दल सोमवार को नई दिल्ली पहुंचा. सशस्त्र सीमा बल की पहल पर श्रीनगर के ये छात्र भारत दर्शन पर निकले हैं. देश के कई हिस्सों में घूमने के बाद श्रीनगर से आए छात्रों ने कहा कि इस कार्यक्रम से उनका देशभक्ति का जज्बा और मजबूत हुआ है, जिसके लिए वे सशस्त्र सीमा बल के आभारी हैंI
49 छात्रों में सशस्त्र सीमा बल की 7वीं वाहिनी के कार्यक्षेत्र से 24 और 14वीं वाहिनी के कार्यक्षेत्र से 25 छात्र छात्र हैं. भारत भ्रमण पर निकले छात्रों ने दिल्ली में सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक अमृत मोहन प्रसाद व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भेंट की.
यह भारत दर्शन भ्रमण गृह मंत्रालय द्वारा निर्देशित नागरिक कल्याण कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया. इसका उद्देश्य दुर्गम क्षेत्रों के छात्रों को भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से परिचित कराना है. इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को देश के विभिन्न हिस्सों की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और देश के विकास के बारे में जानकारी दी जानी है.
सशस्त्र सीमा बल का कहना है कि वे हर वर्ष ऐसे शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम आयोजित कराते हैं. छात्रों को भारत दर्शन भ्रमण के तहत 13 जनवरी तक हवाई तथा रेल मार्ग के माध्यम से विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण करवाया गया, जिनमें मदुरै, रामनाथपुरम, रामेश्वरम, तिरुवनंतपुरम, कन्याकुमारी के साथ दिल्ली के प्रमुख स्थल शामिल हैं.
सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय में महानिदेशक अमृत मोहन प्रसाद ने छात्रों से वार्तालाप करते हुए उन्हें संबोधित किया, वहीं अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों ने बताया कि यह शैक्षिक भ्रमण उनके लिए अत्यंत लाभकारी रहा. इस भ्रमण के माध्यम से उन्हें देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का अवलोकन करने का अवसर मिला और वे अपने देश की संस्कृति एवं इतिहास से परिचित हो सके.
अमृत मोहन प्रसाद ने कहा कि इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण सुदूर घाटी के छात्रों के अत्यंत लाभकारी होते हैं एवं उनके चहुमुंखी विकास में मील का पत्थर साबित होते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल के लिए यह बहुत ही गौरव का विषय है कि इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण का आयोजन करके बल, घाटी एवं सुदूरवर्ती क्षेत्र के युवाओं का मार्गदर्शन कर रहा हैI
उन्होंने युवाओं को पूर्ण परिश्रम तथा अनुशासन के साथ अपनी पढ़ाई को पूरा करने हेतु प्रेरित किया, जिससे वे एक उन्नत तथा सुदृढ़ राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त कर सके.
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