Himachali Khabar : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश के 25 हजार युवाओं को रोजगार देने की योजना बना रही है, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने विधान परिषद में एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि इजरायल, जापान, जर्मनी, खाड़ी देशों और अन्य स्थानों पर इन युवाओं को काम दिलवाने के लिए भेजा जाएगा। यह कदम प्रदेश के युवाओं को न केवल रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना हुनर साबित करने का मौका मिलेगा।
युवाओं के लिए योगी सरकार की पहलयोगी सरकार का यह कदम प्रदेश में बेरोजगारी की दर को कम करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। अनिल राजभर ने बताया कि प्रदेश में बेरोजगारी दर अब तीन प्रतिशत है, जो अब तक का सबसे कम स्तर है। यह आंकड़ा साबित करता है कि सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार दिया जा रहा है, जिससे युवाओं के बीच रोजगार की उम्मीदें बढ़ी हैं।
विदेशों में नौकरी के अवसर
युवाओं के लिए यह अवसर खास तौर पर आकर्षक है क्योंकि इजरायल, जापान, जर्मनी और खाड़ी देशों में नौकरी के लिए भेजे जाने वाले 25 हजार कामगारों को बेहतर वेतन और सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही, युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने कौशल को निखारने और वैश्विक अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलेगा, जिससे उनका करियर बेहतर दिशा में विकसित होगा। इससे ना केवल उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा, बल्कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।
योगी सरकार का रोजगार रिकॉर्डश्रम मंत्री अनिल राजभर ने यह भी कहा कि योगी सरकार के सात वर्षों के कार्यकाल में 7 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इसके अलावा, प्रदेश में 9,220 रोजगार मेलों के माध्यम से 11 लाख से ज्यादा युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार मिला है। इसके अलावा, 22 हजार से अधिक कैरियर काउंसलिंग सत्रों के जरिए 23 लाख युवाओं को रोजगार दिलवाने में मदद की गई है। यह आंकड़े योगी सरकार के रोजगार बढ़ाने के प्रयासों को साबित करते हैं और यह दर्शाते हैं कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए लगातार काम कर रही है।
सपा सरकार पर आरोपश्रम मंत्री ने सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सरकार ने रोजगार की दिशा में कोई खास काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष एक हिस्ट्रीशीटर था और उसके पास फर्जी डिग्रियां थीं। इसके अलावा, उन्होंने सपा सरकार में पीसीएस रिजल्ट में जाति विशेष के 56 अभ्यर्थियों के चयन पर सवाल उठाए। यह आरोप प्रदेश के राजनीतिक माहौल में चर्चा का विषय बन गए हैं।
सपा की प्रतिक्रियानेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने सरकार के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारों का आंकड़ा 38 लाख से अधिक है और सरकारी विभागों में 4.5 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी विभागों में पदों की भरती प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां हुई हैं। खासतौर पर बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और राजस्व विभाग में हजारों पद खाली हैं, जबकि लाखों युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं।
सरकारी भर्ती में पारदर्शिता का दावाश्रम मंत्री अनिल राजभर ने 69 हजार शिक्षक भर्ती पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को निर्धारित आरक्षण के अनुसार अधिक पदों पर चयनित किया गया है। इसके साथ ही, पर्चा लीक होने की घटनाओं से बचने के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं। मंत्री ने दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
आगे का रास्ताइस कदम से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, और सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक युवाओं को स्थिर और उच्च वेतन वाली नौकरियां प्रदान की जाएं। इसके साथ ही, विदेशों में भेजे जाने वाले युवाओं को बेहतर जीवन स्तर और अनुभव मिलेगा, जो उनके करियर में सफलता की नई ऊंचाइयां स्थापित कर सकेगा। योगी सरकार का यह कदम युवाओं को रोजगार और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक ऐतिहासिक पहल साबित हो सकता है, जो प्रदेश के विकास को गति देने में मदद करेगा