Cervical Cancer Month: इन महिलाओं में अधिक होता है सर्वाइकल कैंसर का खतरा
GH News January 16, 2025 03:09 PM

गर्भाशय के कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं. गर्भाश्य महिलाओं के योनी मार्ग से जुड़ा होता है और जहां यह जुड़ता है उस हिस्से को सेविक्स कहते हैं.

देश सर्वाइकल कैंसर महिलाओं की असमय मौत में एक बड़ा कारक है. इसी को देखते हुए हर साल जनवरी में ‘सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह मनाया जाता है. इसके तहत महिलाओं को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है और टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इसके बावजूद, आज भी बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें इस बीमारी के लक्षणों के बारे में नहीं पता है.

  • क्या है सर्वाइकल कैंसर?

फोर्टिस अस्पताल की गायनी ऑन्कोसर्जरी विभाग की डॉ. प्रिया बंसल ने बातचीत में बताया कि गर्भाशय के कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं. गर्भाश्य महिलाओं के योनी मार्ग से जुड़ा होता है और जहां यह जुड़ता है उस हिस्से को सेविक्स कहते हैं. जहां से बच्चा मां के योनी मार्ग द्वारा बाहर आता है. सर्विक्स को प्रभावित करने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं.

डॉ. बंसल ने इसके लक्षण के बारे में बताया कि इसके शुरुआती लक्षणों में अनियमित ब्लीडिंग और पीरियड के अलावा होने वाली ब्लीडिंग शामिल है. इसके अलावा, सेक्सुअल एक्टिविटी के अलावा ब्लीडिंग हो जाना या सेक्सुअल एक्टिविटी करने के दौरान दर्द होना भी इसके लक्षणों में शामिल है.

इसके निदान के बारे में उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से तीन तरीकों से हो सकता है. शुरुआती दिनों में ही अगर इसकी पकड़ हो जाए, तो इसे सर्जरी से ठीक किया जा सकता है. पहचान होने में देरी हो जाए, तो कीमोथेरेपी और रेडिएशन के जरिए इसका उपचार किया जा सकता है, लेकिन सर्वाइकल कैंसर होने से पहले यह प्री-कैंसर के रूप में होता है. अगर हमने इसे समय रहते पकड़ लिया तो बिना किसी बड़ी सर्जरी के इसे ठीक कर सकते हैं.

  • इन्हें होता है ज्यादा खतरा-

डॉ. बंसल बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर का खतरा हर उस महिला को है, जिसके शरीर में सर्विक्स है, लेकिन इसका खतरा उन लोगों को सबसे ज्यादा रहता है, जिनके कई सेक्सुअल पार्टनर रहे हैं या फिर जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर रही हो. जीवन शैली में किसी बड़े बदलाव की वजह से भी इसका खतरा रहता है.

उन्होंने बताया कि जनवरी को हम सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाते हैं, ताकि लोगों को इसके बारे में जागरूक कर सकें. यह अकेला ऐसा कैंसर है, जिसका निदान वैक्सीन से संभव है.

  • input-आईएएनएस
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