जयपुर, 16 जनवरी . भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए तीखा पलटवार किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की शपथ ली है, लेकिन उनके हालिया बयान से यह स्पष्ट होता है कि उनकी निष्ठा भारत के प्रति नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की गतिविधियां और बयान राष्ट्रहित में नहीं हैं और उनके बयान से ऐसा प्रतीत होता है जैसे उनकी प्राथमिकताएं भारत के बजाय इटली की ओर झुकी हुई हैं.
मदन राठौड़ ने कहा कि राहुल गांधी के ‘इंडियन स्टेट से संघर्ष’ जैसे बयान का क्या मतलब है? इसे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा नहीं माना जा सकता. आज देश का हर नागरिक राष्ट्रीयता को ऊंचे स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन विपक्ष का रुख कुछ और ही दिखाता है. लोकतंत्र में राजनीतिक विरोध होना स्वाभाविक है, लेकिन राष्ट्र से संघर्ष करने जैसा बयान देना अनुचित है.
राठौड़ ने राहुल गांधी पर यह भी कटाक्ष किया कि उन्हें अपनी पार्टी की राजस्थान इकाई के बयानों की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजस्थान इकाई के नेता आरएसएस की तर्ज पर शाखाएं लगाने की घोषणा कर रहे हैं. मेरा राहुल गांधी को आमंत्रण है कि वे आरएसएस की शाखाओं में आकर प्रशिक्षण लें.
उन्होंने आरएसएस को राष्ट्रीय चरित्र वाला संगठन बताते हुए कहा कि यहां हमेशा देशहित को प्राथमिकता दी जाती है. आरएसएस में हर योजना और गतिविधि राष्ट्रभक्ति पर आधारित होती है, जबकि विपक्ष के नेताओं की बयानबाजी राष्ट्र के प्रति वफादारी नहीं दिखाती. भारत की व्यवस्था से संघर्ष करने का बयान राष्ट्रीय चरित्र नहीं हो सकता.
राठौड़ ने कांग्रेस से अपील की कि वह ऐसे कार्य न करे जो देश की छवि को नुकसान पहुंचाते हों. उन्होंने राहुल गांधी को उनकी दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से सीख लेने की भी सलाह दी.
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