लकवे का अटैक आते ही अपनाएं ये 5 जरूरी उपाय, तुरंत बच सकती है रोगी की जान ..
Newshimachali Hindi January 17, 2025 02:42 AM

लकवा यानी पैरालिसिस एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों में अचानक हरकत बंद हो जाती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मस्तिष्क की नसों में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है या किसी नस में ब्लॉकेज आ जाता है।

सही समय पर इलाज न मिले तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। लकवे का अटैक आते ही कुछ जरूरी कदम उठाए जाएं तो रोगी की जान बचाई जा सकती है और स्थायी नुकसान से भी बचाव हो सकता है।

लकवे के अटैक के दौरान फौरन करें ये उपाय

  • रोगी को तुरंत लिटाएं और सिर को ऊंचाई पर रखें
    जैसे ही लकवे का अटैक आए, रोगी को तुरंत जमीन या बिस्तर पर लिटा दें। ध्यान रखें कि सिर थोड़ा ऊंचा रहे ताकि मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह सही बना रहे। इससे आगे होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।
  • सांस लेने में दिक्कत हो तो करवट देकर लिटाएं
    अगर रोगी को सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो उसे एक तरफ करवट देकर लिटा दें। इससे रोगी के फेफड़े सही ढंग से काम कर सकेंगे और सांस लेने में आसानी होगी।
  • तुरंत मेडिकल हेल्प लें
    लकवे के अटैक के समय सबसे जरूरी होता है कि जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क किया जाए। ऐसे मामलों में समय बहुत अहम भूमिका निभाता है। आमतौर पर पहले 3 से 4 घंटे के भीतर इलाज शुरू हो जाए तो रोगी के ठीक होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
  • हल्के गर्म तेल से मालिश करें
    यदि लकवा हल्का है और डॉक्टर ने अनुमति दी हो, तो प्रभावित हिस्से पर हल्के गर्म सरसों या तिल के तेल से मालिश करें। इससे नसों में रक्त संचार बेहतर होता है, लेकिन यह उपाय सिर्फ मामूली लकवे में ही करें।
  • गर्म पानी से सिकाई करें
    लकवे से प्रभावित हिस्से पर हल्के गर्म पानी से सिकाई करने से भी आराम मिलता है। यह रक्त प्रवाह को दुरुस्त करता है और मांसपेशियों में संकुचन को कम करने में मददगार होता है।
  • लकवे के बाद क्या करें?

  • संतुलित आहार दें
    लकवे के मरीज को हल्का, पौष्टिक और संतुलित आहार दें। हरी सब्जियां, फल और प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन कराएं ताकि शरीर को तेजी से ठीक होने में मदद मिल सके।
  • योग और फिजियोथेरेपी का सहारा लें
    लकवे के बाद ठीक होने की प्रक्रिया में योग और फिजियोथेरेपी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉक्टर की सलाह से नियमित व्यायाम कराएं ताकि मांसपेशियां दोबारा सक्रिय हो सकें।
  • ब्लड प्रेशर और शुगर की नियमित जांच
    लकवे का मुख्य कारण अक्सर हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज होता है। इसलिए रोगी के ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल की नियमित जांच करें और इन्हें नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
  • लकवे से बचाव के लिए जरूरी बातें

  • संतुलित जीवनशैली अपनाएं
    • रोजाना व्यायाम करें।
    • तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग करें।
    • धूम्रपान और शराब से पूरी तरह बचें।
  • सही खानपान रखें
    • खाने में नमक और तेल की मात्रा कम रखें।
    • फाइबर युक्त भोजन का अधिक सेवन करें।
    • ज्यादा तला-भुना और जंक फूड खाने से बचें।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
    40 वर्ष के बाद ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की नियमित जांच करवाना बेहद जरूरी है ताकि किसी भी गंभीर स्थिति से समय रहते बचा जा सके।
  • निष्कर्ष

    लकवे का अटैक एक आपातकालीन स्थिति होती है, जिसमें सही समय पर लिया गया निर्णय रोगी की जान बचा सकता है। इसलिए जैसे ही लकवे के लक्षण दिखाई दें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ऊपर बताए गए घरेलू उपायों को अपनाएं। इसके अलावा, संतुलित जीवनशैली और नियमित स्वास्थ्य जांच से इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है।

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