मनोरंजन न्यूज़ डेस्क - 'पाताल लोक' के पहले सीजन की रिलीज के बाद से ही इस शो ने अपने दमदार और गहरे कंटेंट से दर्शकों को चौंकाया है। अब पाताल लोक के दूसरे सीजन ने भी यही किया है, लेकिन इस बार शो ने अपनी कहानी को नए आयाम में पेश किया है, जो न सिर्फ दिल्ली बल्कि भारत के पूर्वोत्तर हिस्से की राजनीति, अपराध और सामाजिक ढांचे को उजागर करता है। आखिर कैसी है इस सीजन की कहानी, आइए आपको बताते हैं।
सीरीज की कहानी कैसी है?
इस बार शो की शुरुआत नागालैंड हाउस के एक बड़े नेता जॉनथम थॉम की हत्या से होती है। दिल्ली और नागालैंड के बीच अहम कड़ी रहे जॉनथम थॉम की मौत के बाद कई रहस्यों से पर्दा उठता है। इस हत्या के पीछे की सच्चाई से जुड़ी हैं दिहाड़ी मजदूर रघु पासवान का गायब होना, नाइट क्लब में डांस करने वाली लड़की रोज लिजो और इन सबके बीच घटी घटनाओं का घना जाल। सीजन 2 के आठ एपिसोड म्यांमार से दिल्ली तक ड्रग्स की तस्करी, नॉर्थ-ईस्ट में स्थानीय नेताओं की बड़ी-बड़ी बातें, भ्रष्ट नेताओं और पुलिस के बीच जटिल गठजोड़, अपराध की दुनिया में अनाथ बच्चों का प्रवेश और सिस्टम की विफलता को उजागर करते हैं। पहले सीजन में एक सच्चे पुलिस अधिकारी के रूप में नजर आए इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी का किरदार इस सीजन में भी कर्तव्य के प्रति जुनून और निष्ठा से भरा नजर आता है। हालांकि, इस बार उनकी निजी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं और इस बार वह सिस्टम को बचाने की कोशिश करते हैं, जबकि खुद को डूबने से बचाने के बजाय वह उसमें सबसे ऊपर रहते हैं।
सीजन में दिखाई गई पूर्वोत्तर की कहानियां
इस सीजन का एक अहम पहलू यह है कि इसमें नॉर्थ-ईस्ट भारत की उन कहानियों को बखूबी दिखाया गया है, जो आमतौर पर बड़े पर्दे पर कम ही देखने को मिलती हैं। शो में न सिर्फ वहां के राजनीतिक संघर्षों को दिखाया गया है, बल्कि वहां के लोगों की जिंदगी की उम्मीदों, निराशाओं और हकीकत को भी उजागर किया गया है। पाताल लोक सीजन 2 के मेकर्स अविनाश अरुण और सुदीप ने अपने निर्देशन से इसे पहले सीजन की तरह ही दिलचस्प और लुभावना बना दिया है। पहले एपिसोड से ही आपको सस्पेंस और रोमांच का अहसास होता है, जो अंत तक आपको बांधे रखता है। किरदारों की स्वाभाविक प्रगति और कहानी की जटिलता आपको भावनात्मक और मानसिक यात्रा पर ले जाती है, जहां हर मोड़ पर एक नया झटका आपका इंतजार करता है।
जयदीप अहलावत ने फिर जीता दिल
हाथीराम चौधरी के रूप में जयदीप अहलावत का शानदार अभिनय दर्शकों को पूरी तरह प्रभावित करता है। पांच साल बाद इस किरदार को निभाते हुए वे पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी और गहरे नजर आते हैं। तिलोत्तमा सोम और इश्वाक सिंह जैसे कलाकारों ने भी अपनी भूमिकाएं बखूबी निभाई हैं। गुल पनाग का छोटा सा रोल भी असर छोड़ता है, जो दर्शकों के दिलों में छाप छोड़ता है। पाताल लोक 2 के इस सीजन को देखकर लगता है कि यह भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ा कदम है। अगर आप भी किसी जटिल और संवेदनशील कहानी का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यह सीजन आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है। इस सीरीज के हर एपिसोड को देखने के बाद ऐसा महसूस होता है कि ये शो दर्शकों को बांधे रखते हैं।