वानखेड़े स्टेडियम ने मनाई स्वर्ण जयंती, सचिन तेंदुलकर ने अपने खास पलों को किया याद
Udaipur Kiran Hindi January 20, 2025 04:42 PM

 

मुंबई, 20 जनवरी . मुंबई के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम ने रविवार रात संगीत, नृत्य और लेजर शो के साथ अपनी स्वर्ण जयंती मनाई. इस खास मौके पर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने स्टेडियम की समृद्ध विरासत को ट्रिब्यूट देते हुए अपने खास पलों को याद किया.

सचिन ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा, मैं 10 साल की उम्र में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत का मैच देखने नॉर्थ स्टैंड में आया था. हम 25 लोग थे, लेकिन टिकट 24 ही थे. मेरी ऊंचाई कम होने की वजह से मुझे चुपके से अंदर जाने दिया गया. वानखेड़े पर 73 मैच खेल चुके तेंदुलकर ने 17 शतक और 23 अर्धशतकों के साथ कुल 4972 रन बनाए हैं.

तेंदुलकर ने 2011 विश्व कप जीत को अपने करियर का सबसे खास पल बताया. उन्होंने कहा, 1983 की जीत ने मुझे प्रेरित किया था. हमने 1996 और 2003 में मौका गंवाया, लेकिन वानखेड़े पर 2011 की जीत मेरे लिए सबसे यादगार रही.

50 साल की ऐतिहासिक विरासत

1975 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के पांचवें और अंतिम टेस्ट के लिए बने इस स्टेडियम ने कई ऐतिहासिक पलों की गवाही दी है. कपिल देव की कप्तानी में 1983 विश्व कप जीत के बाद यहां टीम का सम्मान हुआ. 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप की जीत ने इस मैदान को खास पहचान दी.

एमसीए और शरद पवार का योगदान

वानखेड़े स्टेडियम के निर्माण में महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) और शरद पवार की अहम भूमिका रही. पवार ने 1960 के दशक में युवा खेल मंत्री रहते हुए इसके लिए जमीन आवंटित कराई थी. 2011 में इसका जीर्णोद्धार करके इसे नई पहचान दी गई.

मुंबई क्रिकेट का गढ़

मुंबई क्रिकेट की पावरहाउस मानी जाने वाली टीम ने वानखेड़े पर 42 में से 26 रणजी ट्रॉफी खिताब जीते. यहां अब तक 63 अंतरराष्ट्रीय मैच (27 टेस्ट, 28 वनडे, 8 टी20) खेले गए हैं. आईपीएल और घरेलू क्रिकेट के अनगिनत मुकाबलों ने इस मैदान को और खास बना दिया है.

रविवार रात आयोजित समारोह में एमसीए ने शरद पवार सहित कई गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया. वानखेड़े स्टेडियम, जो भारत के क्रिकेट इतिहास का अभिन्न हिस्सा है, ने अपनी 50 साल की शानदार यात्रा को इस समारोह के जरिए खास बना दिया.

 

 

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