कड़ाके की ठंड के कारण ब्रेन हेमरेज, लकवा, कार्डियक अरेस्ट और निमोनिया के मरीजों की संख्या में ढाई गुना तक इजाफा हुआ है। इनमें से ज्यादातर ब्रेन हेमरेज के मरीज हैं। इनमें से 5-8 मरीज बेहद गंभीर हालत में पाए जाते हैं। उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है। आईसीयू भी फुल हो गए हैं।
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एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी के प्रभारी डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि इमरजेंसी में रोजाना 180-200 मरीज आ रहे हैं। बीपी की दवा बंद करने और सर्दी-जुकाम की वजह से मरीजों को ब्रेन हेमरेज हो रहा है। इसके मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर कार्डियक अरेस्ट और निमोनिया के मरीज हैं। 40 साल से कम उम्र के युवा भी कार्डियक अरेस्ट के मरीज आ रहे हैं।
एसएन के न्यूरोसर्जन डॉ. मयंक अग्रवाल ने बताया कि ब्रेन हेमरेज के 5-8 मरीजों की हालत बेहद गंभीर पाई जाती है। इनके दिमाग की नसें फटी पाई जाती हैं। 40-45 साल की उम्र के मरीज भी होते हैं। लकवा के मरीजों में बुजुर्ग मरीज ज्यादा होते हैं। हालत गंभीर पाए जाने पर कई बच नहीं पाते। इमरजेंसी सह प्रभारी डॉ. चंद्रप्रकाश गौतम ने बताया कि निमोनिया से फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। इससे मरीज सांस नहीं ले पाता। बुजुर्ग मरीजों की हालत ज्यादा खराब पाई जाती है। हर दिन 8-10 मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ता है।
इन बातों का ध्यान रखें:
– बीपी और डायबिटीज को नियंत्रण में रखें, रोजाना जांच कराएं।
– बीपी की दवाएं बंद न करें, डॉक्टरी सलाह लें।
– बिस्तर से उठकर तुरंत बाहर न जाएं, अपने शरीर को गर्म रखें।
– सर्दी-जुकाम से बचें, सर्दी-खांसी ठीक न होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
– केवल धूप निकलने पर ही टहलने जाएं और तले हुए भोजन से बचें।
ये संकेत हैं –
बोलने और समझने में दिक्कत, भ्रम, धीमी गति से बोलना, समझने में दिक्कत, चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नपन, शरीर के एक तरफ अचानक सुन्नपन, कमजोरी महसूस होना, अचानक तेज सिरदर्द और कुछ समय के लिए धुंधला दिखाई देना इसके प्रमुख लक्षण हैं। साथ ही, अपने दोनों हाथों को एक साथ सिर के ऊपर उठाने की कोशिश करें, अगर एक हाथ नीचे गिर जाए तो यह स्ट्रोक हो सकता है। अगर मुस्कुराते समय एक तरफ का होंठ ऊपर नहीं उठता या लटकता है तो यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।