भोपाल, 22 जनवरी . महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया साइबर क्राइम आज के दौर का नवीनतम और खतरनाक क्राइम हो गया है. साइबर क्राइम से बचने का एकमात्र तरीका जागरूकता और सतर्कता है. साइबर धमकी और ऑनलाइन यौन अपराधों जैसे साइबर खतरों को रोकने के लिये इस सम्मेलन में युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा, जिससे वह साइवर सुरक्षा दूत की तरह कार्य करें. वह बुधवार को भोपाल के समन्वय भवन में नौंवीं नेशनल साइबर साइकोलॉजी क्रॉन्फ्रेंस के एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ पर सम्बोधित कर रही थी.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग और रिस्पॉन्सिबल नेटिज्म संस्था मुम्बई के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवाओं में साइबर वेलनेस के बारे में जागरूकता एवं सुरक्षित डिजिटल परिदृश्य को बढ़ावा देना है. यह कार्यशाला साइबर अपराधों से समाज को सुरक्षित करने का अभिनव प्रयास है.
साइबर क्राइम रोकने का सावधानी से बढ़कर कोई समाधान नहीं
मुम्बई के एथिकेल हैकर और सायबर सेक्यूरटी एक्सपर्ट रिजवान शेख ने बताया कि सायबर क्राइम के जाल से बचने का सबसे सरल समाधान सावधानी बरतना है. वर्तमान में एआई के माध्यम से डीपफेक जैसे अपराध ज्यादा हो रहे है. वर्चुअल वर्ल्ड सिर्फ हैकिंग तक सीमित नहीं है. यह इससे कहीं ज्यादा डीप है.
रिस्पांसिबल नेटिज्म की फांउडर सीएओ सोनाली पाटनकर ने बताया कि फाउडेशन द्वारा मध्यप्रदेश के 11 जिलों के 22 कॉलेजों के पाँच हजार से अधिक युवा लड़कियों को सफलतापूर्वक शिक्षित किया है. ‘सायबर सखी’ के नाम से पिछले वर्ष इसकी शुरूआत की गई थी.
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/ नेहा पांडे