जयपुर, 24 जनवरी . राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत चुनाव-2025 को स्थगित कर निवर्तमान सरपंचों और वार्ड पंचों को प्रशासक व प्रशासनिक कमेटी का सदस्य नियुक्त करने पर पंचायती राज आयुक्त और राज्य चुनाव आयुक्त सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश गिरिराज सिंह व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि प्रदेश की 6759 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और वार्ड पंचों का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. ऐसे में पंचायती राज प्रावधानों के अनुसार इनके चुनाव साल 2025 में कराए जाने थे. वहीं पंचायती राज विभाग ने गत 16 जनवरी को एक अधिसूचना जारी कर ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित कर दिए और निवर्तमान सरपंचों को प्रशासक नियुक्त कर उन्हें वित्तीय अधिकार भी दे दिए. वहीं वार्ड पंचों को प्रशासनिक कमेटी का सदस्य लगा दिया. याचिका में कहा गया कि यह अधिसूचना पंचायती राज कानून के खिलाफ है और लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई को अस्थिर करने वाली है. याचिका में कहा गया कि कार्यकाल पूरा होने के बाद चुनाव को स्थगित नहीं किया जा सकता. इसके अलावा प्रशासक और कमेटी सदस्य बनाए गए सरपंचों व वार्ड पंचों का कार्यकाल पूरा होने के चलते वे अब जनप्रतिनिधि नहीं रहे और प्राइवेट व्यक्ति की हैसियत में आ गए है. वहीं नियमानुसार पंचायतों में किसी प्राइवेट व्यक्ति को प्रशासक नहीं लगाया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए मामले की सुनवाई चार फरवरी को तय की है. वहीं दूसरी ओर अलवर स्थित कठूमर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश की ओर से अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने भी इस बिंदु पर जनहित याचिका पेश की है. जिस पर आगामी सप्ताह में सुनवाई होगी.
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