जयपुर, 24 जनवरी . राजस्थान हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन घोटाले से जुडे मामले में ईडी व एसीबी को चार फरवरी तक शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि उनकी ओर से मामले में अभी तक क्या कार्रवाई की है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह व जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी व टीएन शर्मा ने अदालत को बताया कि इस मामले में गणपति ट्यूबवेल व श्री श्याम कृपा कंपनी ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी कम्पलीशन सर्टिफिकेट के जरिए इस योजना के करीब 900 करोड रुपये के टेंडर लिए थे. इस संबंध में इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने जल जीवन मिशन के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को दो बार पत्र लिखे कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टेंडर लिए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने मामले में तब कोई भी कार्रवाई नहीं की. इसके बाद याचिकाकर्ता संस्था ने पुलिस कमिश्नर व एसीबी को कई बार पत्र लिखे, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई. इसके जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि इस मिशन में घोटाला उजागर होने के बाद टीएन शर्मा के परिवाद पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है. जिस पर अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि केवल दो फर्मों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जबकि इस प्रकार के फर्जीवाडे को लेकर शिकायतकर्ता ने अन्य के खिलाफ भी शिकायत की है, लेकिन उन अफसरों व अन्य लोगों को बचाया जा रहा है और उनका नाम एफआईआर में नहीं है. दूसरी ओर ईडी की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि मामले में बडा घोटाला हुआ है. इस पर अदालत ने ईडी और एसीबी से मामले में की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है.
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