नई दिल्ली। उत्तर भारत में इन दिनों धूप की वजह से गर्मी का एहसास हो रहा है। लेकिन मौसम विभाग ने 30 जनवरी को दिल्ली यूपी के कई जिलों में कोहरे की संभावना जताई है। हिमाचल प्रदेश में छिटपुट बारिश या बर्फबारी हो सकती है। अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हो सकती है बारिश
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, और केरल और माहे में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, असम और मेघालय और लक्षद्वीप में छिटपुट बारिश हो सकती है।
उत्तर भारत में घना कोहरा छाए रहने की संभावना
पूर्वोत्तर भारत पर एक चक्रवाती परिसंचरण बने रहने की उम्मीद है, जिससे शनिवार तक गरज के साथ बारिश हो सकती है। बारिश तेज़ होने का अनुमान है, गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान भारत के उत्तरी हिस्सों में घना से बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना है, जो उत्तर भारत से मध्य और पूर्वी भारत से होते हुए पूर्वोत्तर भारत तक फैल जाएगा। पंजाब और हरियाणा में शीतलहर के साथ बारिश की संभावना है।
उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिली
जनवरी की शुरुआत में मौसम बदला था। पहले सप्ताह में ही अच्छी वर्षा व हिमपात देखने को मिला। उसके बाद तीन पश्चिमी विक्षोभ आए लेकिन वर्षा व हिमपात के मामले में खास गतिविधि दिखी नहीं। इसका नतीजा हुआ शीतकालीन वर्षा में कमी आ गई। जनवरी बीतने को है और प्रदेश में सामान्य से 86 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
मौसम विभाग जनवरी व फरवरी को शीतकालीन अवधि में रखता है। सात व आठ जनवरी को पहला पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिली।
मौसम में बदलाव से ठंड का अभी एहसास हुआ
मौसम में बदलाव से ठंड का अभी एहसास हुआ। उसके बाद नियमित अंतराल पर तीन पश्चिमी विक्षोभ आए लेकिन उच्च हिमालय को छोड़कर निचले क्षेत्रों में वर्षा की खास गतिविधि नहीं दिखी। जिसकी वजह से वर्षा में कमी देखी गई है। एक से 29 जनवरी तक प्रदेश में 39.7 मिमी के सापेक्ष 5.4 मिमी वर्षा हुई है। हरिद्वार में सबसे कम अंतर है। नैनीताल में भी दूसरे जिलों की अपेक्षा थोड़ी बेहतर स्थिति है।
चंपावत, पिथौरागढ़ समेत 11 जिलों में सामान्य से 70 प्रतिशत से कम वर्षा हुई है। फरवरी में कितनी वर्षा होगी कहा नहीं जा सकता। ऐसे में शीतकालीन वर्षा में कमी सब्जियों व रबी की फसलों के लिए चिंता बढ़ाने वाली है।
गेहूं, मसूर, सरसों आदि के लिए वर्षा की जरूरत
खासकर पर्वतीय असिंचित क्षेत्र में गेहूं, मसूर, सरसों आदि के लिए वर्षा की जरूरत होती है। चंपावत के मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार बताते हैं कि यह समय रबी की फसलों के बढ़वार का रहता है। जनवरी-फरवरी में अच्छी वर्षा मिलने से फसलों की ग्रोथ अच्छी रहती है। आगे भी वर्षा नहीं हुई तो आने वाले समय में फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
फरवरी के पहले सप्ताह से बदलेगा मौसम
दिल्ली में अभी अगले कुछ दिन मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा। सुबह-शाम ठंड, जबकि दिन में तेज धूप खिलने से गर्माहट का एहसास होगा। हालांकि मौसम विभाग ने तीन और चार फरवरी को दिल्ली में हल्की वर्षा का पूर्वानुमान भी जारी किया है। इससे तापमान में एक बार फिर गिरावट आ जाएगी।
उत्तराखंड के कई हिस्सों में धूप कमजोर पड़ने से दिन के तापमान में कमी आई है। अगले दो दिन राज्य में मौसम शुष्क रहने वाला है। एक फरवरी को आंशिक बादल छाएंगे। हिमाचल में भी मौसम विभाग के अनुसार 31 जनवरी और पहली फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ अधिक सक्रिय होगा।
उत्तराखंड में कई जगहों पर हिमपात और वर्षा होने की संभावना
इसके चलते प्रदेश में कई जगहों पर हिमपात और वर्षा होने की संभावना है। पंजाब में बीते तीन दिनों से सामान्य तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। सुबह और रात के समय ठंड ज्यादा है। मौसम विभाग चंडीगढ़ के अनुसार अगले तीन दिन राज्य के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है।