इकोनॉमिक सर्वे: फाइनेंशियल ईयर 26 में 7 % से कम रहेगी GDP, जानें क्या है अनुमानित विकास दर
नई दिल्ली: बजट 2025 से एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी शुक्रवार को संसद में 2024-25 का इकोनॉमिक सर्वे पेश किया. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बात वित्त साल 2025-26 के लिए अनुमानित जीडीपी ग्रोथ को लेकर सामने आई है, जो 7 प्रतिशत से कम है. इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 26 में देश की वास्तिवक ग्रोस डोमैस्टिक प्रोडक्ट (GDP) बढ़ोतरी की दर 6.3 -6.8 के बीच रहने की उम्मीद है. यह आंकडा फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के मुकाबले लगभग 2 फीसदी कम है. बता दें कि वित्त साल 2024 में यह वास्तिवक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8 प्रतिशत से ज्यादा देखने को मिली थी. वित्त वर्ष 26 में बनी रहेगी आर्थिक सुस्ती सरकार के ओर से पेश किए गए इस पूर्वानुमान से जाहिर होता है कि वित्त साल 2025-26 में देश की आर्थिक सुस्त बनी रहेगी. वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार की ओर तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि आजादी के 100 साल पूरे होने तक 'विकसित भारत' बनने के अपने आर्थिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए, भारत को करीब एक या दो दशक तक औसतन स्थिर कीमतों पर करीब 8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत है. विकास दर को प्रभावित करेंगे ये फैक्टर आर्थिक सर्वे में आगे कहा गया कि GDP ग्रोथ रेट की इस लक्ष्य पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन यह भी जानना अहम है कि ग्लोबल स्थिति, पॉलिटिकल और इकोनॉमिकल स्थिति भी देश के विकास परिणामों को प्रभावित करेगी. सर्वे की मानें तो, "घरेलू अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत बने हुए हैं, जिसमें मजबूत बाहरी खाता, संतुलित राजकोषीय समेकन और स्थिर निजी खपत शामिल है." जानें वित्त वर्ष 25 में कितनी है विकास दर कमजोर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और धीमा कार्पोरेट इंवेस्टमेंट्स की वजह से भारत की जीडीपी दर वित्त साल 2024-25 में 6.4 प्रतिशत पर आ गई थी, यह आंकड़ा पिछले चार में सबसे धीमी गति को दर्शाता है और फाइनेंशियल ईयर 2024 में रिकॉर्ड की गई ग्रोथ से भारी गिरावट को दिखाता है. बता दें कि वित्त साल 2023-24 में देशी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत बनी है, जो सबसे तेज बढ़ने वाली इकोनॉमी है. वहीं, वित्त सला 2022-23 में देश की विकास दर 7.2 रही, जबकि 2021-22 में 8.7 प्रतिशत थी.