इनकम टैक्स में राहत देकर कंज़प्शन बढ़ाने की कोशिश, लेकिन कैपेक्स कम करके शेयर बाज़ार की उम्मीदें तोड़ीं
et February 01, 2025 09:42 PM
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी शनिवार को आम बजट पेश किया और बजट की प्रमुख घोषणाओं में इनकम टैक्स में12 लाख रुपए तक की सालाना कमाई तक कोई टैक्स नहीं देना होगा, जब तक कि अन्य माध्यम से कैपिटल गेन न हो. यह बजट 2025 की सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक रही. इनकम टैक्स में राहत देने के पीछे सरकार का पहला मकसद कम होते कंज़प्शन को बढ़ाना है. इससे लोगों के हाथों में पैसा आएगा जो वे अपनी ज़रूरतों के लिए खर्च कर सकेंगे या निवेश कर सकेंगे. हालांकि शेयर मार्केट के नज़रिये यह बजट न्यूट्रल ही रहा. भाषण के दौरान जिन घोषणाओं पर बाज़ार की नज़रें थीं, उनमें कैपेक्स का आंकड़ा अहम था, लेकिन कैपेक्स पर सरकार ने कुछ खास बदलाव नहीं करके कैपेक्स 10.80 लाख करोड़ रखा. शेयर बाज़ार इंतज़ार कर रहा था कि इंफ्रा बूस्ट के लिए कैपेक्स बढ़ाया जाएगा. धीमी होती इकोनॉमी को गति देने के लिए उम्मीद की जा रही थी कि मैन्युफैचरिंग और बुनियादी ढांचे के लिए बजट में कुछ विशेष होगा, लेकिन बजट भाषण में ऐसा कुछ नहीं हुआ. इस घोषणा के बाद ही मार्केट की शुरुआती बढ़त समाप्त हो गई और बेंचमार्क इंडेक्स बढ़त से गिरावट में आ गए. एक तरह जहां हेल्थ केयर में कुछ घोषणाएं हुई और इनकम टैक्स स्लैब को 12 लाख तक टैक्स मुक्त किया, वहीं दूसरी ओर पूंजीगत व्यय को 11.11 लाख करोड़ रुपए से कम करके 10.80 लाख करोड़ रुपए किया गया, जिससे बाज़ार को निराशा हुई और मार्केट का ट्रेंड न्यूट्रल हो गया. साथ ही बजट में ग्रोथ के आंकड़े नहीं बताए गए. राजकोषीय घाटा 4.4 % पर है, लेकिन जीडीपी के आंकड़े नहीं बताए गए. गिरते रुपए को संभालने के लिए इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई 74% से बढ़ाकर 100% किया गया. साथ ही टूरिज़्म सेक्टर पर खास ध्यान दिया गया. हालांकि शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म टैक्स में बदलाव नहीं करना मार्केट के फेवर में ही रहा. कुल मिलाकर यह कहा जाए कि इनकम टैक्स में राहत के बाद इंफ्रा स्ट्रक्चर को बूस्ट न मिलने से शेयर बाज़ार में वह तेज़ी नहीं आ सकी, जिसकी उम्मीद की जा रही थी.