क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए चौथे टी-20 मैच के दौरान चोटिल शिवम दुबे की जगह भारत के हर्षित राणा को मैदान पर उतारने के फैसले पर भारी हंगामा हुआ। मैच में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले शिवम दुबे को बल्लेबाजी करते समय हेलमेट पर गेंद लग गई थी, जिसके बाद उनकी जगह हर्षित को कन्कशन सब्सटीट्यूट के तौर पर मौका दिया गया। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक भारत के फैसले से नाराज हैं।
कुक ने दावा किया कि भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान सिरदर्द के लिए हर्षित राणा को विकल्प के रूप में लाना 'बेतुका' था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने कहा कि भारत के पास वाशिंगटन सुंदर को लाने का विकल्प था और हर्षित को यह मैच नहीं खेलना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'आपको क्रिकेट से प्यार करना चाहिए क्योंकि यह कई कहानियां सामने लाता है।' आप कभी नहीं सोच सकते कि हाफ टाइम की कहानी कन्कशन विकल्प के बारे में होगी। हर्षित का मैच पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा।
हर्षित को क्षेत्ररक्षण के लिए भेजना गलत फैसला था : कुक
टीएनटी स्पोर्ट्स से बात करते हुए कुक ने कहा कि वह एक बड़े हिटर बल्लेबाजी ऑलराउंडर की जगह एक तेज गेंदबाज को लाने के फैसले से हैरान हैं। हालांकि कुक ने स्वीकार किया कि हर्षित को क्षेत्ररक्षण के लिए भेजना एक गलत निर्णय था, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के प्रदर्शन की आलोचना की और दावा किया कि मेहमान टीम को मैच जीतना चाहिए था।
उन्होंने कहा, "इससे कप्तान को एक और बढ़िया विकल्प मिल गया है।" उनके पास एक और स्पिनर अभिषेक शर्मा भी था, जिसने इस मैच में गेंदबाजी नहीं की। हर्षित राणा ने निश्चित रूप से भारतीय टीम की मदद की है।
हर्षित ने मैच में तीन विकेट लिए।
आपको बता दें कि भारतीय पारी के आखिरी ओवर में दुबे की जगह हर्षित मैदान पर आए थे, जो हेलमेट पर गेंद लगने से चोटिल हो गए थे। हर्षित ने मैच में प्रवेश करते ही तुरंत प्रभाव डाला और इंग्लिश कप्तान जोस बटलर का शानदार कैच लपका। उन्होंने गेंदबाजी में भी अपनी प्रतिभा दिखाई तथा चार ओवर में 33 रन देकर तीन विकेट लिए।