HMPV एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर सांस से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है. डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर( हेड ऑफ़ क्रिटिकल केयर और पल्मोनोलॉजी , सी के बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम) ने बताया कि यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इफ़ेक्ट करता है.
लक्षण-
HMPV वायरस सांस की बीमारियों का मुख्य कारण बनता है. इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना और कभी-कभी सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं.
कुछ मामलों में यह वायरस अधिक गंभीर रूप ले सकता है, खासकर उन लोगों में जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो.
आंखों पर कैसे असर डाल सकता है यह वायरस?
हालांकि HMPV मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है, लेकिन वायरस का शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे आंखों पर भी असर डाल सकता है-
1. कंजक्टिवाइटिस – HMPV के इन्फेक्शन के दौरान, कंजक्टिवाइटिस हो सकता है, इसमें आंख की आउटर सरफेस में सूजन हो सकती है. इसके लक्षणों में लाल आंखें, आंखों में से पानी आना, खुजली और जलन शामिल हैं.
2. सूजन और थकान- HMPV के कारण शरीर में थकान और सूजन हो सकती है, जो आंखों के आसपास के हिस्से को इफ़ेक्ट कर सकती है.
3. नज़र पर असर- यदि इन्फेक्शन गंभीर हो और समय पर इलाज न हो, तो यह आंखों की रोशनी पर टेम्पररी असर डाल सकता है.
प्रिवेंशन
हालांकि HMPV वायरस मुख्य रूप से सांस की समस्याएं पैदा करता है, लेकिन यह आंखों की सेहत पर भी असर डाल सकता है. सही जानकारी और समय पर इलाज से इस वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है.