खेल जगत में कई बार खिलाड़ियों ने अपनी राजनीतिक विचारधाराओं को व्यक्त किया है, जिससे वे विवादों में भी फंस चुके हैं। क्रिकेट जगत में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां खिलाड़ियों ने राजनीतिक घटनाओं में शामिल होकर चर्चा बटोरी है।
ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार- कमेंटेटर की चली गई नौकरीइजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है और इस मामले में आवाज उठाने पर एक ऑस्ट्रेलियाई स्पोर्ट्स पत्रकार ने अपनी नौकरी खो दी है। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार और कमेंटेटर पीटर लालोर, जो श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच में कमेंट्री कर रहे थे, उन्हें SEN रेडियो से बर्खास्त कर दिया गया।
बता दें कि, उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपनी राय साझा की थी, जिससे ऑस्ट्रेलिया में यहूदी समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा था। हालांकि, सभी लोग लालोर की राय से सहमत नहीं थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने उनका समर्थन किया। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा:
ख्वाजा पहले भी घिर चुके हैं इन विवादों में“गाजा के लोगों के समर्थन में खड़ा होना यहूदी-विरोधी नहीं है और इसका मेरे यहूदी भाइयों और बहनों से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह इजराइली सरकार और उनके निंदनीय कार्यों से जुड़ा है। यह न्याय और मानवाधिकारों से जुड़ी बात है। दुर्भाग्यवश, यहूदी और मुस्लिम समुदायों के खिलाफ नफरत हमेशा बनी रहेगी। पीटर एक अच्छे इंसान हैं, जिनका दिल साफ़ है और वे इससे बेहतर के हकदार हैं।”
ख्वाजा ने पीटर लालोर का समर्थन इसलिए भी किया क्योंकि वे खुद भी इसी मुद्दे पर विवादों में रह चुके हैं। 2023 में पाकिस्तान के खिलाफ पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने गाजा के समर्थन में जूते पहने थे, जिन पर लिखा था, “सभी जीवन समान हैं।” हालांकि, आईसीसी ने अंततः उन्हें यह जूते पहनने से रोक दिया था।
ख्वाजा की शानदार फॉर्म जारीहाल ही में खेले गए गॉल टेस्ट में ख्वाजा ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक जड़ा और ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को एक पारी और 242 रनों से जीता। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए ख्वाजा को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।