भोपाल में प्राइवेट स्कूल संचालकों का भाजपा दफ्तर के बाहर धरना, स्कूल मान्यता नियमों को लेकर सरकार को घेरा
भोपाल। मध्यप्रदेश में निजी स्कूलों संचालकों ने मंगलवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया है। प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की मान्यता नियमों को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालक पिछले लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन अब वह राजधानी में सड़क पर उतर आए है।
प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना है क पिछले एक साल से मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और डीपीसी से गुहार लगा चुके है लेकिन उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अपनी मांगों को लेकर उन्हंने 30 जनवरी को प्रदेशभर के स्कूल बंद किए गए, लेकिन सरकार मान्यता नियम में बदलाव को लेकर गूंगी-बहरी हो गई है।
संचालकों की मांग है कि सरकार ने मान्यता अधिनियम में जो रजिस्टर्ड किरायानामा उन पर थोपा है उसे वापस लिया जाए वहीं सरकार ने सुरक्षा निधि का जो बदलाव कर 40 हजार का प्रस्ताव का है उसे वापस लें। इसके साथ वह मांग करते है कि शिक्षा का अधिकार की रकम समय पर मिले।
प्राइवेट स्कूल संचालक शैलेष तिवारी कहते है कि सरकार की तानाशाही से राज्य के करीब 10-12 हजार से अधिक स्कूल बंद होने की कगार पर हैं और चार लाख से अधिक प्राइवेट टीचर बेरोजगार हो जाएंगे। वहीं संचालक मंच ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वह अब अगले चरण में शिक्षकों और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे के साथ अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने दावा किया है कि अगर प्राइवेट स्कूल संचालक अपने स्कूल बंद कर देंगे तो लाखों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
गौरतलब है कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मान्यता में नियमों के बदलाव को लेकर 30 जनवरी को हड़ताल की थी। वहीं स्कूल विभाग ने मान्यता के लिए आवेदन करने की डेट बढ़ा दी है। मान्यता के लिए आवेदन करने की तारीख बढ़कर 7 फरवरी कर दी गई है। वहीं, विलंब शुल्क के साथ 14 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं।