नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए ChatGPT, DeepSeek, गूगल जेमिनी जैसे AI एप्स के इस्तेमाल के संबंध में निर्देश जारी किया है। सरकार का कहना है कि ऑफिस के कम्प्यूटर या लैपटॉप पर इन AI एप्स या टूल्स को ना चलाएं क्यों कि इससे सरकारी डेटा लीक होने की संभावना हो सकती है। सरकार ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि गोपनीय जानकारीयों के उजागर होने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। देश में AI एप्स के बढ़ते यूज को लेकर सरकार की ओर से यह दिशा निर्देश जारी किया गया है।
दरअसल जब भी कोई यूजर किसी एप को डाउनलोड करता है तो यूजर से बहुत सारी परमीशन्स मांगी जाती है। उन परमीशन्स को डिनाई करने पर एप सपोर्ट नहीं करता है इसलिए परमीशन्स को एलाऊ करना पड़ता है। जिसके चलते एप मोबाइल या कंप्यूटर पर डेटा को एक्सेस करने लगता है, इसी के चलते कई बार उस मोबाइल या कंप्यूटर में सेव डिटेल लीक हो जाती है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को सावधान किया है। केंद्र सरकार जल्द AI टूल्स के इस्तेमाल से जुड़ी एक नीति लाने की तैयारी कर रही है।
सरकार इस नीति के जरिए यह तय करेगी कि कर्मचारियों द्वारा AI एप्स का इस्तेमाल कब किया जा सकता है। साथ ही इस नीति के तहत सरकार साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ठोस कदम भी उठाएगी। वहीं साइबर विशेषज्ञों का भी कहना है कि सरकार की यह चिंता एकदम जायज है कि सरकारी कम्प्यूटरों पर AI एप्स के इस्तेमाल से डेटा लीक हो सकता है। आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की है भारत अपना खुद का AI सिस्टम विकसित करने जा रहा है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है जिसके बाद भारत AI तकनीकी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहेगा और सरकार की चिंता भी खत्म हो जाएगी।
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