Reverse Waterfall of India: क्या आपने भारत का रिवर्स वाटरफॉल देखा है. इस झरने को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी टूरिस्ट आते हैं. इस झरने में पानी नीचे से ऊपर की ओर बहता है. यह झरना बेहद खूबसूरत है और टूरिस्टों को मंत्रमुग्ध कर देता है. यह जादुई झरना महाराष्ट्र में है. यह झरना इसलिए भी टूरिस्टों के बीच फेमस और आकर्षण का केंद्र है क्योंकि इसमें पानी की धारा नीचे से ऊपर की ओर आती है. बाकी के झरनों में आपने देखा होगा कि पानी ऊपर से नीचे की ओर धारा बनाता है. लेकिन इस झरने में ऐसा नहीं है.
यह झरना इसलिए भी खास है क्योंकि यह गुरुत्वाकर्षण के नियम का पालन नहीं करता है. घाट की ऊंचाई से झरना नीचे गिरने के बजाय ऊपर आ जाता है. यह नजारा टूरिस्टों के लिए खास होता है और उनको मंत्रमुग्ध कर देता है. इसी नजारे को देखने के लिए बड़ी तादाद में यहां टूरिस्ट आते है.
इस झरने का पानी नीचे से ऊपर की ओर इसलिए आता है क्योंकि यहां काफी तेज हवा चलती है. वैज्ञानिकों का भी यही मानना है कि तेज हवा के कारण पानी नीचे से ऊपर की ओर आ जाता है और झरने की धारा ऊपर की ओर बहने लगती है. झरने में पानी ऊपर से नीचे की ओर ही गिरता है लेकिन तेज हवा के कारण वो ऊपर की ओर आने लगता है. इस झरने तक पहुंचने के लिए टूरिस्टों को ट्रैकिंग का सहारा लेना पड़ता है. नीचे से ऊपर की तरफ बहती झरने की धारा बेहद आकर्षण और मन को मंत्रमु्ग्ध करने वाली लगती है. सैलानी इस झरने की फुहारों में भींग भी सकते हैं, जिसका अपना ही रोमांच है.
यह रिवर्स वाटरफॉल भारत के महाराष्ट्र सूबे के कोंकण इलाके में कवालशेत प्वाइंट नाम की जगह पर है. इस झरने का नाम नाने घाट झरना है. बड़ी संख्या में टूरिस्ट इस झरने को देखने के लिए आते हैं. इस झरने को देखने वाले टूरिस्टों की यहां भीड़ लगी रहती है. इस रिवर्स वॉटरफॉल की पुणे से दूरी करीब 150 किलोमीटर है. मुंबई से इस झरने की दूरी करीब 120 किलोमीटर है.