1. कुछ लोग ज़िंदगी होते हैं, कुछ लोग ज़िंदगी में होते हैं, कुछ लोगों से ज़िंदगी होती है, लेकिन कुछ लोग होते हैं, तो ही ज़िंदगी होती है।
2. हर रिश्ते में फ़र्क होता है – कहीं भावनाओं की जरूरत होती है, तो कहीं जरूरत के हिसाब से भावनाएं बनती हैं।
3. बिना किसी उम्मीद के अच्छाई करो, क्योंकि किसी ने कहा है – फूल बेचने वालों के हाथों में हमेशा खुशबू रह जाती है।
4. परमात्मा ने हमें रिश्तों में बांधना सिखाया है। अगर हम ईमानदारी से रिश्ते निभाएं, तो यह हमारी सामाजिक सफलता सुनिश्चित करेगा, अन्यथा हम सिर्फ एक नाम बनकर इस दुनिया से विदा हो जाएंगे।
5. खुशहाल रिश्ते कुछ नहीं मांगते, बस वो अपने महत्व और प्राथमिकता चाहते हैं। अगर हमने इस संतुलन को बनाए रखा, तो सभी रिश्ते हमेशा जीवंत रहेंगे।
संघर्ष, त्याग और सफलता6. इस संसार में अपना स्थान बनाने के लिए त्याग जरूरी है, जैसे एक फूल को सबका प्रिय बनने के लिए अपनी खुशबू लुटानी पड़ती है।
7. ईश्वर हमें कभी दिखाई नहीं देते, लेकिन जब जीवन में कुछ भी स्पष्ट न हो, तब वही हमें दिखाई देने लगते हैं।
8. आशा कभी मत छोड़ो, क्योंकि आप नहीं जानते कि आने वाला कल आपके लिए क्या लेकर आ रहा है।
9. उपकार का आभार मानना शिष्टाचार है, लेकिन उपकार को जीवनभर याद रखना संस्कार है।
10. कर्तव्य वह मित्र है, जो कभी धोखा नहीं देता, और धैर्य वह पौधा है, जिस पर हमेशा मीठे फल लगते हैं।
सच्चे रिश्ते और इंसानियत11. जो लोग सिर्फ आपके पद, प्रतिष्ठा और पैसे से जुड़े होते हैं, वे सिर्फ सुख में आपके साथ रहते हैं। लेकिन जो लोग आपकी वाणी, विचार और व्यवहार से जुड़े होते हैं, वही आपके संकट में खड़े रहते हैं।
12. इंसान चाहे जितना भी जतन कर ले, लेकिन मन का छलावा ईश्वर से नहीं छिप सकता। इसलिए बेमन से दीया जलाना या पूजा करना व्यर्थ है।
13. जीवन के मैदानों में करिश्मे नहीं होते, बल्कि संघर्ष ही असली जीत दिलाता है।
14. ज़िंदगी हमें बहुत कुछ देती है, फिर भी हमें किसी न किसी चीज़ का फ़कीर बना ही देती है।
15. अंजाम सबको मालूम है, फिर भी हर इंसान अपनी नजरों में सिकंदर बना हुआ है।
सत्य, झूठ और नैतिकता16. किसी गलती को छुपाने के लिए झूठ बोलना, उस गलती से भी बड़ी गलती है। गलती करना मानव स्वभाव है, लेकिन उसे स्वीकार करना एक श्रेष्ठ गुण है।
17. झूठ एक आदत बन जाए, तो सच बोलना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए झूठ से बचो, और वह सत्य भी मत बोलो, जो किसी को आत्मग्लानि में डाल दे।
18. झूठ, चालाकी, चापलूसी और धोखाधड़ी से संसार के वैभव तो मिल सकते हैं, लेकिन परमात्मा की कृपा नहीं।
19. कोई आपकी सराहना करे या निंदा – लाभ आपका ही है, क्योंकि प्रशंसा प्रेरित करती है और निंदा सुधारने का अवसर देती है।
20. इंसान को धोखा कोई और नहीं देता, बल्कि उसकी खुद की उम्मीदें ही उसे धोखा दे जाती हैं।
जीवन और सफलता के अनमोल विचार21. ये ज़िन्दगी एक तमन्नाओं का गुलदस्ता है – कुछ महकती हैं, कुछ मुरझाती हैं, और कुछ चुभ जाती हैं।
22. इंसान ज़िंदगी बनाने के चक्कर में जीना ही भूल जाता है। हर दिन एक खास दिन है, इसे किसी खास अवसर के लिए बचाकर मत रखो।
23. दूसरों के व्यवहार को बदलने से बेहतर है अपने विचारों को बदलना, क्योंकि दूसरों को बदलना हमारे हाथ में नहीं, लेकिन खुद को बदलना हमारे हाथ में है।
24. हमारी भाषा पहले हमारे स्तर और संस्कारों का परिचय देती है, फिर किसी और का मूल्यांकन करती है।
25. जीवन एक सरल परीक्षा है, लेकिन लोग एक-दूसरे की नकल करने में फेल हो जाते हैं।
26. किसी भी वस्तु की असली कीमत वही समझ सकता है, जिसने उसे पाने के लिए संघर्ष किया हो।
संवेदनशीलता और मानवता27. जिंदगी में अपनेपन और एहसासों का बहुत बड़ा योगदान होता है।
28. जो दूसरों के ग़म को अपनाता है, वही सच्चा इंसान होता है।
29. न जाने कब कोई अंधेरे में चिराग बनकर राह दिखा दे।
30. मुसीबत में जो साथ होता है, वही असली भगवान होता है।