इनका आरोप था कि प्रशासन के द्वारा समय रहते इन अनफिट व अवैध वाहनों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाती है, यदि समय समय पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाती तो आज यह हादसा नहीं होता। इससे पहले भी 27 दिसंबर 2024 को भोजलावा कट के पास सारांश कोचिंग सेंटर की बस के ब्रेक फैल होने से शिक्षक की मौत हो गई थी, वहीं 12 विद्यार्थी घायल हुए थे। आए दिन हो रही ऐसी दुर्घटनाएं प्रशासन के खिलाफ कई सवाल खड़े करने वाली हैं।
वहीं प्रशासन को हादसे का जिम्मेदार बताते हुए स्कूल प्रशासन के साथ मिली भगत का भी आरोप लगाया तथा मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग रखी। विरोध के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 के वीर हनुमान मंदिर पुलिया को भी कुछ मिनट के लिए जाम लगाकर रोष जाहिर किया गया। जहां मौके पर चौमूं कार्यवाहक थाना अधिकारी गणेश नारायण सैनी ने लोगों से समझाइश कर जाम को खुलवाया। मामले को लेकर विधायक डॉ. शिखा मील बराला ने कहा कि यह दूसरी घटना है, इसमें आरटीओ का फैलियर है, परिवहन विभाग के अधिकारी सड़कों पर वाहन चालकों को परेशान कर रहे हैं, लेकिन मूल काम नहीं कर रहे हैं। आजतक परिवहन विभाग की ओर से स्कूलों में जाकर जांच के लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया है। मूलभूत कमियों पर सरकार का ध्यान नहीं है।