लखनऊ, 06 फरवरी . जल का मानव जीवन में महत्व एवं भूमि संरक्षण के बारे में लोगों में व्यापक जागरूकता लाने के लिए लखनऊ से आगे बढ़ी वाटरशेड यात्रा वैन के रायबरेली पहुंचने पर भूमि संरक्षण अधिकारी, कृषि विभाग रायबरेली की अगुआई में राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी वॉटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. हीरा लाल ने ग्रामीणों, ग्राम प्रधानों व जनप्रतिनिधियों के साथ रमईपुरकला (हसनापुर), ब्लाक सरेनी में वैन का स्वागत किया.
डाॅ. हीरा लाल ने वैन के पहुंचने पर कहा कि पेड़ लगाने में बहादुरी नहीं है, पेड़ को जीवित रखने में बहादुरी है. वाटरशेड यात्रा में स्कूली बच्चों ने सुबह प्रभात फेरी निकालकर जल, जंगल, जमीन बचाने का सन्देश घर-घर पहुँचाया है. इसके साथ ही मोटर साइकिल रैली एवं स्वयं सहायत समूह की महिलाएं व अन्य ग्रामीण महिलाओं द्वारा वाटरशेड यात्रा के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए कलश यात्रा निकाली गयी है. कृषक विद्या मंदिर विद्यालय में स्कूली बच्चों व ग्रामवासियों द्वारा नाटकीय रूप देते हुए जल संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक किया है.
इस दौरान मृदा और जल संरक्षण पर आधरित निबन्ध प्रतियोगिता में अव्वल आयी छात्राओं को डॉ. हीरा लाल द्वारा पुरस्कृत किया गया. सभी लोगों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई. मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. हीरा लाल ने विद्यालय में उपस्थित सभी लोगों को धरती माँ के मुख्य घटक जल जंगल जमीन के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि हमारी दो माता हैं. दूसरी माता पृथ्वी हैं, जो जल, जंगल और जमीन से बनी हैं. सभी लोग धरती माता की रक्षा, सुरक्षा करके शुद्ध हवा, शुद्ध पानी एवं शुद्ध भोजन प्राप्त कर अपना जीवन सम्पन्न और खुशहाल बनायें.
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/ श.चन्द्र