याचिकाकर्ता ने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत अंतरिम गुजारा भत्ता और मुआवजे का अनुरोध किया है। बांद्रा की पारिवारिक अदालत ने मंगलवार को मुंडे को अंतरिम गुजारा भत्ता के रूप में महिला को 1,25,000 रुपए प्रति माह और उनकी बेटी को 75,000 रुपए प्रति माह देने का निर्देश दिया।
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हालांकि अदालत ने उनके दूसरे बच्चे के लिए कोई राहत देने से इनकार कर दिया और कहा कि पुत्र होने के नाते वह गुजारा भत्ता का हकदार नहीं है क्योंकि वह वयस्क हो गया है। गौरतलब है कि मुंडे इस समय बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour