चाणक्य ने अपनी नीति में 4 ऐसी चीजों का जिक्र किया है जो पैसे से भी ज्यादा कीमती हैं। जानिए क्या हैं वो 4 चीजें...
चाहे आपका धर्म कोई भी हो, कभी भी पैसे को उससे ज्यादा अहमियत न दें। पैसा आराम दे सकता है, लेकिन धर्म मार्गदर्शन और मन की शांति देता है।
चाणक्य के अनुसार, आत्म-सम्मान सर्वोपरि है। पैसे से ज्यादा आत्म-सम्मान को प्राथमिकता दें।
बुद्धिमान लोग कहते हैं कि पैसा खोना स्वास्थ्य खोने से कम समस्याजनक है। स्वास्थ्य धन से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
मानव जीवन सामाजिक रिश्तों से जुड़ा हुआ है। ये बंधन अमूल्य हैं, पैसे के महत्व से भी ज्यादा।