शिकारपुर गांव में गुजविप्रौवि का सात दिवसीय एनएसएस शिविर शुरूहिसार, 8 फरवरी . गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने कहा है कि गांव विकसित होंगे तभी भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा किया जा सकेगा. ऐसे में हमें गांवों की ओर विशेष ध्यान होगा. शिक्षण संस्थान गांव को विकसित बनाने में अपने अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं.कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई शनिवार को शिकारपुर गांव में शुरू हुए विश्वविद्यालय के सात दिवसीय राष्ट्र सेवा योजना के विशेष शिविर के लिए अपना संदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि गुजवि शिक्षा, शोध व नवाचार के साथ-साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रहा है. विश्वविद्यालय द्वारा ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए लगातार कार्यक्रम चलाए जाते रहते हैं. राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का यह सात दिवसीय विशेष शिविर भी इसी कड़ी में एक शानदार प्रयास है. शिकारपुर गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शुरू हुए एनएसएस शिविर थीम ‘विकसित गांव-विकसित भारत@2047’ है. शिविर का उद्घाटन कुलपति के तकनीकी सलाहकार प्रो. संदीप राणा ने किया. प्रो. राणा ने अपने संबोधन में कहा कि आज के युवा आने वाले कल का भविष्य है, आज के युवा स्वयं को सवार कर हमारे देश का भविष्य संवारेंगे. उन्होंने युवाओं को बताया कि वे कैसे अपने कौशल की पहचान कर सकते हैं और किस प्रकार अपने कौशल को सृजनात्मक उपयोग में लगा सकत है. उद्धघाटन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, शिकारपुर के प्राचार्य धर्मबीर जांगड़ा रहे. उन्होंने कहा कि आज के समय में विद्यार्थियों को नैतिक प्रदूषण से बचना चाहिए. इस प्रकार के शिविर में स्वयंसेवकों को सीखने के अवसर प्रदान करते हैँ. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गांव के सरपंच रोहतास इस अवसर पर सभी स्वयंसेवकों से अनुरोध किया कि उन्हें अपने अभिवावकों एवं गुरुजनो का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने इस विशेष शिविर के आयोजन के लिए ग्रामीण स्तर पर सुविधाएं मुहैया करवाई और कहा कि आने वाले दिनों में भी इस शिविर के दौरान उनका भरपूर सहयोग इसी प्रकार से मिलता रहेगा. राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम संयोजक डॉ. अंजू गुप्ता के नेतृत्व में इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य युवाओं के बीच सामाजिक सेवा, नेतृत्व और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देना है. आगामी सात दिनो में ग्रामीण अंचल का आनंद लेते हुए सभी स्वयंसेवक अपनी दिनचर्या में समय का नियोजन करे जिससे वो अपने जीवन में काम आने वाले महत्वपूर्ण कौशलों को विकसित कर लाभान्वित हों सकें. धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विकास जांगड़ा ने किया. उद्घाटन सत्र में दलबीर एवं नरेश सहित सभी कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विनीता, डॉ. सुनीता, डॉ. कल्पना, डॉ. नरेंद्र, डॉ. ललित, डॉ. विक्रमजीत उपस्थित रहे.
/ राजेश्वर