कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन यदि पवित्र नदियों में स्रना किया जाए और फिर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाए तो जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने की भी परंपरा है और इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा माघ पूर्णिमा का व्रत?
माघ पूर्णिमा 2025 कब है?
हिंदी पंचांग के अनुसार माघ माह की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 12 फरवरी को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा.
माघ पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ होता है. पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन स्नान का दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 19 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. इस दिन व्रत रखने वाले जातक चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं. 12 फरवरी को यानि माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 6 बजकर 32 मिनट है.
माघ पूर्णिमा पर स्नान व दान का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ के महीने में प्रयागराज के तट पर कई कल्पवासी मौजूद होते हैं और माघ पूर्णिमा के दिन कल्पवास का आखिरी दिन होता है. इस दिन यदि व्यक्ति में गंगा में स्नान, भक्ति और भगवान विष्णु की अराधना करते हैं तो बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने के बाद दान करना बहुत ही पुण्यकारी माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दान करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आ रहे कष्टों से भी मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, व्यक्ति को आर्थिक संकटों से भी छुटकारा मिलता है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Nh इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.