टोंक न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा है कि समरावता कांड की जांच होनी चाहिए। जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी कहा था, सरकार के मंत्री ने कहा था कि न्यायिक जांच होनी चाहिए, मैंने भी कहा था कि न्यायिक जांच होनी चाहिए, प्रशासनिक और पुलिस जांच से सच्चाई सामने नहीं आएगी। अगर किसी के साथ गलत हुआ है, लोगों की हत्या हुई है, घर जलाए गए हैं, ये सब शाम के बाद किया गया, अगर जांच नहीं होगी तो सच्चाई कैसे सामने आएगी? पायलट ने कहा कि सरकार की न्याय देने की कोई मंशा नहीं है, क्योंकि सरकार जांच नहीं कर रही है। अगर सरकार की मंशा होती तो अब तक जांच हो चुकी होती। सरकार सिर्फ सच्चाई को छुपाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार के हर मामले में कोर्ट को दखल देना पड़ता है, सरकार क्या कर रही है?
नरेश मीना की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी
उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में नरेश मीना की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा ने दलील दी कि समरवाता गांव के लोग तहसील मुख्यालय बदलने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं और उन्होंने मतदान का बहिष्कार भी किया था। उन्होंने दावा किया कि हिरासत में होने के कारण याचिकाकर्ता का बाद में हुई आगजनी की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है और उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।
14 नवंबर को नरेश मीना को किया गया था गिरफ्तार
देवली-उनियारा सीट पर 13 नवंबर को हुए उपचुनाव के दौरान समरवाता गांव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था और उस दौरान तीन वोट पड़ने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।इससे पहले ग्रामीणों ने विभिन्न मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार शुरू कर दिया था और खूब हंगामा हुआ था। इसी दौरान थप्पड़ मारने की घटना हुई और एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले ने तूल पकड़ लिया और नरेश मीना को गिरफ्तार कर लिया गया।