बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल द्वारा फार्मेसी एक्ट 1948 के धारा 34(3) के अनुसार फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण वर्ष 2025 के लिए किया जा रहा है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के SLP(C) 8799/2020 में पारित आदेश के अनुसार फर्जी फार्मासिस्टो की पहचान कर उन सभी का निबंधन राज्य फार्मेसी काउंसिल को रद्द करना है।
आदेश के आलोक में राज्य फार्मेसी काउंसिल द्वारा विभिन्न वर्गों में निबंधित फार्मासिस्ट जिनका नाम फार्मेसी काउंसिल के पंजीयन रजिस्टर में नहीं है उन सभी फार्मासिस्टों को अपनी फार्मासिस्ट के योग्यता रखने वाले प्रमाण पत्रों के अभिलेख 31 दिसंबर 2024 तक जमा करने को कहा गया था जिसके जांचोपरांत वर्ष 2025 में नवीनीकरण देने का निर्णय राज्य कार्यकारिणी परिषद द्वारा किया गया था। परन्तु
31 दिसंबर 2024 तक एक भी अभिलेख कार्य अनुभव , ए सिरीज, बट्टा या पूर्णांक आदि वर्गों में निबंधित फार्मासिस्टों द्वारा जमा नहीं किया गया है । राज्य फार्मेसी काउंसिल द्वारा दैनिक समाचार पत्र में पूर्ण एक विज्ञापन जारी कर इन सभी वर्गों में निबंधित फार्मासिस्टों को अपना फार्मासिस्ट पात्रता वाले सभी प्रमाण पत्रों का अभिलेख जमा कर नवीनीकरण/निबंधन कराने का निर्देश दिया गया है।
राज्य फार्मेसी काउंसिल के सदस्य अर्जेश श्रीवास्तव ने बताया कि बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार फर्जी फार्मासिस्टो को हटाने के लिए उपरोक्त विभिन्न वर्गों में निबंधित फार्मासिस्ट जिनका नाम फार्मेसी काउंसिल के पंजीयन में नहीं है ।
उन सभी का वर्ष 2025 में जन्म तिथि के लिए दसवीं के प्रमाण पत्र फार्मासिस्ट पात्रता के लिए डी फार्म या बी फार्म की डिग्री और पता के जांच के लिए आधार कार्ड या आवासीय प्रमाण पत्र का जांच के बाद ही नवीनीकरण जारी किया जाएगा, अगर उपरोक्त विभिन्न वर्गों में निबंधित फार्मासिस्टो द्वारा अगर 31 मार्च 2025 तक अपने प्रमाण पत्रों की जांच नहीं कराया जायेगा तो उन सभी का निबंधन रद्द माना जाएगा।