केरल फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने वित्तीय बोझ को लेकर हड़ताल का आह्वान किया है। हालांकि, अभिनेताओं के संघ ने एक बैठक के बाद हड़ताल का समर्थन नहीं करने का फैसला किया। इस फैसले ने फिल्म निकायों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की खबरों को हवा दी।
प्राप्त समाचारों के अनुसार इस वक्त मलयालम सिनेमा गहरे संकट में है, क्योंकि निर्माता परिषद और अभिनेता संघ एक-दूसरे के साथ टकराव में हैं। यही वजह है कि केरल फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (केएफपीए) ने वित्तीय घाटे, अभिनेताओं के पारिश्रमिक और करों के संबंध में हड़ताल की घोषणा की। हालांकि, मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (एएमएमए) ने हड़ताल का कड़ा विरोध किया और सहयोग करने से इनकार कर दिया।
न्यूज 18 के अनुसार, एएमएमए द्वारा टीम का समर्थन नहीं करने के फैसले ने निर्माताओं और अभिनेताओं के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बारे में अटकलों को हवा दी। एएमएमए के सदस्यों ने 24 फरवरी को कोच्चि में बैठक की। बैठक में मोहनलाल, ममूटी, सुरेश गोपी, मंजू पिल्लई, टोविनो थॉमस, बेसिल जोसेफ, बीजू मेनन और कई अन्य अभिनेता शामिल थे। सदस्यों ने फैसला किया कि वे हड़ताल का समर्थन नहीं करेंगे।
एक बयान साझा करते हुए, अभिनेता संघ ने कहा, ‘AMMA सदस्यों ने मलयालम फिल्म निर्माताओं के एक वर्ग द्वारा बुलाई गई हड़ताल को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है। बता दें कि इस मीटिंग में यह भी आकलन किया गया कि फिल्म इंडस्ट्री जो पहले से ही एक गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है, कुछ लोगों की जिद के कारण एक अनावश्यक हड़ताल में घसीटा जा रहा है, जिससे न केवल वित्तीय क्षेत्र बल्कि फिल्म पर निर्भर कई कर्मचारी भी अधिक परेशानी में पड़ जाएंगे।’
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री ने हाल के सभी सालों में तंग लागत पर काम किया है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में बजट में उछाल, अभिनेताओं के वेतन में वृद्धि और ओटीटी संकट देखा गया है। इससे पहले, निर्माता जी सुरेश कुमार ने मीडिया से मलयालम निर्माताओं के सामने आने वाले संघर्षों के बारे में बात की। उद्योग-व्यापी हड़ताल के प्रस्ताव की निर्माता एंटनी पेरुंबवूर ने आलोचना की, जिन्होंने मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन की एल2: एम्पुरान का निर्माण किया था।