हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा ईमानदार, सफल और अच्छा इंसान बने। लेकिन कई बार अनजाने में की गई पैरेंटिंग गलतियां बच्चों को झूठ बोलने की आदत डाल सकती हैं। कई बच्चे छोटी उम्र से ही झूठ का सहारा लेने लगते हैं, और धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन जाती है। इसकी जड़ में अक्सर माता-पिता का व्यवहार ही होता है। आइए जानते हैं वे कौन-सी आम गलतियां हैं, जो बच्चों को झूठ बोलने के लिए मजबूर कर सकती हैं।
1. जरूरत से ज्यादा सख्ती करना
- कई माता-पिता यह मानते हैं कि बच्चे पर सख्त अनुशासन रखने से वह गलतियां करने से बचेगा।
- लेकिन अधिक सख्ती से बच्चा गलतियां छिपाने और झूठ बोलने में माहिर हो जाता है।
- डर के कारण वह सच कहने से बचता है और अपने माता-पिता से दूरी बनाने लगता है।
2. बच्चों से जरूरत से ज्यादा उम्मीदें रखना
- हर माता-पिता अपने बच्चों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रखते हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं बच्चों पर दबाव डाल सकती हैं।
- जब बच्चे को महसूस होता है कि वह आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है, तो वह झूठ बोलने का सहारा लेता है ताकि डांट से बच सके।
- यह आदत धीरे-धीरे उसके व्यवहार में शामिल हो जाती है।
3. सच बोलने पर भी सजा देना
- अगर बच्चा अपनी गलती स्वीकार करके सच बोलता है, तो माता-पिता को उसे समझाना चाहिए, न कि डांटना या सजा देना।
- लेकिन अगर हर बार सच बोलने पर उसे कड़ी सजा मिलती है, तो बच्चा भविष्य में झूठ का सहारा लेना शुरू कर देता है।
- उसे यह लगने लगता है कि झूठ बोलना ही बेहतर विकल्प है।
4. छोटी-छोटी बातों पर ओवररिएक्ट करना
- कुछ माता-पिता हर छोटी गलती पर जरूरत से ज्यादा नाराज हो जाते हैं।
- बार-बार डांट सुनने या अपमानित होने के डर से बच्चा अपनी गलतियां छिपाने लगता है।
- जब बच्चा महसूस करता है कि सच बताने से उसे तकलीफ मिलेगी, तो वह झूठ को सुरक्षित विकल्प मानने लगता है।
5. खुद झूठ बोलकर बच्चे को गलत संदेश देना
- बच्चे अपने माता-पिता को देखकर ही व्यवहार सीखते हैं।
- अगर माता-पिता खुद झूठ बोलते हैं, तो बच्चा इसे सामान्य मानकर अपनाने लगता है।
- “कह देना कि मैं घर पर नहीं हूं” जैसी छोटी बातें भी बच्चे के मन में झूठ बोलने की प्रवृत्ति पैदा कर सकती हैं।